जयपुर .
फाइव इयर लॉ कॉलेज के बाद अब राजस्थान विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा
विभाग की मान्यता पर भी आंच आ सकती है। दरअसल, लम्बे समय से विभाग एक मात्र
स्थाई शिक्षक के भरोसे चल रहा है, जबकि विभाग में बी.पैड और एम.पैड दोनों
पाठ्यक्रम चल रहे हैं।
वहीं, शिक्षक के नाम पर विभागाध्यक्ष एम.एस. चूंडावत
के अलावा कोई नहीं है पूरे विभाग की ज़िम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षक पर हैं।
अब चूंडावत भी अगले माह सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अब सवाल यह हैं की इसके
बाद विभाग में कोई भी स्थाई शिक्षक नहीं होगा बिना शिक्षक के कैसे विभाग
को चलाया जाएगा।
प्रति व्याख्यान के हिसाब से पढ़ा रहे शिक्षक
विभाग में बी.पैड. व एम.पैड दोनों पाठ्यक्रमों में प्रति व्याख्यान
(लेक्चर) के हिसाब से शिक्षक कक्षाएं ले रहे हैं। दोनों पाठ्यक्रमों के 200
विद्यार्थी इन्हीं के भरोसे हैं। जानकारी के अनुसार विभाग में 11 संविदा
शिक्षकों के लिए कुछ दिन पहले ही स्वीकृति दी गई है।
महारानी और राजस्थान कॉलेज में भी शिक्षक नहीं
विवि के अलावा संघटक कॉलेज महारानी व राजस्थान कॉलेज में भी शारीरिक
शिक्षा विभाग के शिक्षक नहीं हैं। इन दोनों कॉलेजों में भी शारीरिक शिक्षा
के करीब 250 विद्यार्थी हैं, लेकिन विषय के स्थाई अध्यापक नहीं हैं।
वर्ष 1984 के बाद नहीं हुई भर्ती
विभाग में वर्ष 1984 के बाद नए शिक्षकों की भर्ती ही नहीं की। उस समय
विभाग में 12 स्थाई अध्यापक थे, जो सेवानिवृत्त होते गए। नतीनजन, विभाग
खाली हो गया। 2012 में जब विवि में नई नियुक्तियां की गई तब भी विभाग में
शिक्षकों का चयन नहीं किया गया था।
भर्ती में 8 पद स्वीकृत
विवि में फिलहाल असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्तियां होनी हैं। विभाग में
भी आठ पद स्वीकृत हैं, जिन पर भर्तियां होंगी। फिलहाल लिखित परीक्षा होगी।
फिर परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों का इंटरव्यू होगा। इसके बाद चयनित
व्यक्तियों का नाम सिंडीकेट में रखा जाएगा। पूरी प्रकिया में पिछले वर्ष
करीब दो साल का समय लगा था।