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बोले देवनानी-टीचर्स बदलें हाइटेक युग में खुद को, नहीं रह सकते टेक्नोलॉजी से दूर

अजमेर। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि सभी विभागों का मूल विभाग शिक्षा विभाग है। पिछले चार वर्षों में संसाधन उपलब्ध कराने में राज्य सरकार ने कोई कमी नहीं रखी है। प्रदेश के करीब 3097 प्राचार्य/ प्रधानाध्यापकों को टेबलेट वितरण किया जा रहा है।
अजमेर जिले के ऐसे 167 विद्यालयों के संस्था प्रधानों को टेबलेट वितरण हो रहे हैं। अब डिजिटलाइजेशन में शिक्षा विभाग को अग्रणी बनाएं।
राजकीय सावित्री बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में जिला स्तरीय टेबलेट वितरण कार्यक्रम में राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि पंचायत शिक्षा अधिकारियों (पीईओ) को जल्द लैपटॉप वितरण किए जाएंगे। लेकिन जो नॉन पीईओ वाले शहरी क्षेत्र के प्राचार्य/ प्रधानाध्यापक हैं उन्हें 6000 रुपए लागत के टेबलेट बांटे जा रहे हैं। प्रदेश में करीब 284 आदर्श विद्यालय हैं। उन्होंने कहा कि संस्था प्रधान होने के नाते सूचनाएं भेजने, शाला दर्शन, शाला दर्पण आदि को शीघ्र अपडेट करने के लिए टेबलेट का उपयोग करें।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए इसका अधिकाधिक उपयोग हो। संस्था प्रधान लीडरशिप करें, काम करना पड़ेगा, मेरा स्कूल कैसे अच्छा रहे इस पर मेहनत करें। रमसा के अति. जिला समन्वक रामनिवास गालव ने बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की ओर से शिक्षा राज्यमंत्री की पहल पर टेबलेट वितरण हो रहे हैं।
कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा उप निदेशक सीताराम गर्ग, प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक जीवराज जाट, जिला शिक्षा अधिकारी मा. द्वितीय चौहान, अति जिशिअ दर्शना शर्मा, अति. जिशिअ अरुण शर्मा, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी अमित शर्मा, विशिष्ट अतिथि सीताराम शर्मा, एसएसए एडीपीसी दिनेश शर्मा , रा. सावित्री बाउमावि की संस्था प्रधान लीलामणी गुप्ता उपस्थित रहे। इससे पूर्व अतिथियों का साफा, माला पहनाकर स्वागत किया गया।
रिटर्न गिफ्ट में दें बेहतर बोर्ड परिणाम
देवनानी ने कहा कि जब राज्य सरकार इतनी सुविधाएं, संसाधन उपलब्ध करवा रही हैं तो संस्था प्रधान रिटर्न गिफ्ट के रूप में बोर्ड परीक्षाओं के बेहतर परिणाम दें। दसवीं एवं बारहवीं का शत-प्रतिशत परिणाम रखें। इसके लिए संस्था प्रधान अधिकाधिक समय विद्यालय को दें।
प्रदेश को शिक्षा में अग्रणी बनाने की पहल
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में नवाचारों को अपनाते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए 85 हजार करोड़ रुपए बजट व्यय कर प्रदेश को शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की पहल की है। इसी से हाल के आए राष्ट्र्रीय सर्वे में कभी 18 वें स्थान पर रहने वाला राजस्थान आज शिक्षा क्षेत्र में तीसरे स्थान पर आ गया है।

राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षोंं में प्रदेश में स्कूलों के एकीकरण, प्रत्येक ग्राम पंचायत में 9 हजार 895 आदर्श एवं 9500 उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की जहां पहल की वहीं एक लाख 9 हजार शिक्षकों की रिकॉर्ड पदोन्नतियां प्रदान की।

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