अजमेर . राज्य में
35 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए रविवार को अध्यापक पात्रता परीक्षा
(रीट) शांतिपूर्वक आयोजित हुई। परीक्षा में 92 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी
शामिल हुए।
पूरे राज्य में फर्जी अभ्यर्थियों और इलेक्ट्रानिक उपकरणों के
उपयोग की नाममात्र घटनाएं हुई जिसे समय रहते पकड़ लिया गया। इसके अलावा
सोशल मीडिया पर पेपर वायरल होने की गलत सूचनाएं वायरल हुई जिसे बोर्ड
प्रशासन ने नकार दिया। बोर्ड अध्यक्ष प्रो.बी.एल. चौधरी ने पत्रकारों को
बताया कि परीक्षा प्रारंभ होते ही सोशल मीडिया पर प्रश्न-पत्र और उनकी
आंसर-की वायरल हुई। जांच के बाद यह सब गलत पाई गई।
दो पारियों में हुई परीक्षा
प्रथम पारी में आयोजित द्वितीय लेवल की परीक्षा में कुल 8 लाख 4 हजार
122 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से 92.43 प्रतिशत अभ्यर्थी उपस्थित हुए।
इसी प्रकार दूसरी पारी में प्रथम लेवल की परीक्षा के लिए कुल 2 लाख 8 हजार
877 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से 91.75 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में
शामिल हुए।
10 हजार कैमरों से नजर
बोर्ड सचिव मेघना चौधरी ने बताया कि रीट में किसी प्रकार की गड़बड़ी
रोकने के लिए परीक्षा केन्द्रों पर लगभग 10 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।
परीक्षा प्रारंभ होने से पूर्व ही बोर्ड अधिकारी रीट कार्यालय स्थित
नियंत्रण कक्ष में आ गए और पूरे राज्य के परीक्षा केन्द्रों पर लगातार नजर
रखे रहे।
चार स्थानों पर हुई छिटपुट घटनाएं
बोर्ड अध्यक्ष प्रो. चौधरी ने बताया कि जैसलमेर , जोधपुर
, बाडमेर और बहरोड़ में फर्जी अभ्यर्थियों सहित अनुचित साधनों के प्रयोग
की शिकायतें मिली। इन अभ्यर्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने से पहले ही पकड़
कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पूरे राज्य में इस तरह की महज 5-7 घटनाएं
सामने आई है।
ओएमआर शीट रवाना
परीक्षा समाप्ति के तुरंत बाद मूल
ओएमआर शीट राज्य के सभी जिलो से बोर्ड कार्यालय रवाना कर दी गई। सोमवार
सुबह तक सभी ओएमआर शीट बोर्ड कार्यालय पहुंच जाएगी। इसके बाद इनकी जांच का
कार्य प्रारंभ हो जाएगा।