शिक्षक भर्ती को लेकर रविवार को जिला मुख्यालय पर दो पारियों में हुई रीट
परीक्षा में अधिकांशत बेरोजगारों ने उत्साह से इंम्तिहान दिया। छुुट-पुट
बहसबाजी को छोडकर को छोडकर यह परीक्षा शांतिपूर्ण समाप्त हो गई। इसमें 22
हजार 222 में से 20 हजार 40 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी।
पहली पारी में
हुई सेकंड लेवल की परीक्षा में 91 प्रतिशत व दूसरी पारी में हुई रीट की
परीक्षा में 89 प्रतिशत परीक्षार्थी उपस्थित हुए। पुलिस व प्रशासन के सांझा
प्रयास से यह परीक्षा पारदर्शिता पूर्वक हो गई। हालाकि दिनभर बाजार में
परीक्षार्थियों की रेलमपेल रहने से ट्रैफिक व्यवस्था बािधत रही।
परीक्षार्थियों को लाने व ले जाने के लिए रोडवेज प्रबंधन की भी सराहनीय
भूमिका रही। 50 से अधिक बसेे नागौर आदि के लिए लगाई।
सुहाग की निशानी मंगलसूत्र भी खुलवाया
रीट परीक्षा को पारदर्शिता से करवाने के लिए माध्यमिक शिक्षा
बोर्ड की ओर से जारी गाइड लाइन की पालना में परीक्षा सेंटरों पर संबंधित
कर्मचारियों ने महिला परीक्षार्थियों से सुहाग की निशानी मंगलसूत्र भी
खुलवाए। तो कंगन, टॉप्स समेत शॉल आदि भी उतरवाए। सर्दी के मौसम में शाम आदि
उतरवाने से महिलाओं,छात्राओं को सर्दी मेें परेशान होना पड़ा
परीक्षा समाप्त होने के बाद बस स्टैंड पर लगी परीक्षार्थियों की भीड़
टोंक. रोडवेज बस स्टेंड पर रविवार को रीट की परीक्षा समाप्त होने
के बाद परीक्षार्थियों की लगी भीड़ एवं बस स्टैंड पर खड़ी रोडवेज बसंे। एक
परीक्षा केन्द्र के बाहर बच्चों को लेकर बैठे परिजन।
चाक-चौबंद रही व्यवस्था
रीट परीक्षा के लिए बाहरी जिलों से आने वाले अभ्यर्थियों के लिए
रात्रि विश्राम,परिवहन व्यवस्था आदि के लिए जिला प्रशासन, पुलिस आदि की ओर
से व्यवस्थाएं चाक चौबंद व्यवस्था की गई। रोडवेज प्रशासन ने करीब 50 बसों
की व्यवस्था अतिरिक्त की है। प्रशासन व नगर परिषद प्रशासन आदि ने रात्रि
विश्राम के लिए धर्मशालाएं, रेन बसेरे आदि की व्यवस्थाएं करवाई। इसके अलावा
रात्रि विश्राम के लिए कुछ सामाजिक संगठन आदि ने भी की है। एसडीएम
प्रभाीलाल जाट ने समेत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जिला प्रतिनिधि आरएस मीणा
आदि ने कई शहर के परीक्षा सेंटरों का निरीक्षणकर व्यवस्थाए देखी।
जिले में शांतिपूर्ण हो गई परीक्षा
कलेक्टर सुबे सिंह यादव ने बताया कि जिला मुख्यालय पर हुई रीट
परीक्ष शांतिपूर्वक व पारदर्शिता पूर्वक हो गई। एक-दो सेंटरों पर 10 बजे
बाद कुछ अभ्यर्थियों के पहंुचने पर उन्हें प्रवेश नहीं देने की बात सामने
आई थी। इसके लिए अभ्यर्थी जिम्मेदार है। सरकार के यख्त निर्देश थे कि
परीक्षा श्ुरू होने के बाद किसी को परीक्षा में नहीं बैठाया जाए।
परीक्षार्थियों के लिए प्रशासन ने परिवहन, रात्रि विश्राम आदि की
व्यवस्थाएं सुचारू रुप से करवाने से किसी को कोई परेशानी नहीं हुई है।
औचक निरीक्षण
दस बजे से शुरू हुई यह परीक्षा दोपहर 12.30 बजे तक चली। 44
केंद्रों पर हुई इस परीक्षा में 15 हजार 810 परीक्षार्थी मौजूद रहे।इस
परीक्षा काे पारदर्शिता से करवाने के लिए कलेक्टर,एसपी,एसडीएम आदि
अधिकारियों ने पल-पल की जानकारी ली और कई सेंटरों का औचक निरीक्षण भी किया।
इसी तरह दूसरी पारी में प्रथम लेवल की रीट परीक्षा हुई। इसमें चार हजार
230 परीक्षार्थियों ने अपना-अपना भाग्य अजमाया। पहली पारी में 91 प्रतिशत व
दूसरी पारी में 89 प्रतिशत बेरोजगारोंसे भाग्य अजमाया। परीक्षार्थी माया
चतुर्वेदी, भरनी सरपंच कमलेश बैरवा,सोना साहूू आदि ने बताया कि परीक्षा में
एवरेज प्रश्न आए थे। साइकोलॉजी के थोड़े कठिन प्रश्न थे।
देरी से पहंुचने पर बहस
दो परीक्षा केंद्रों पर तीन-चार अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों पर 10
बजे बाद पहंुचे तो उन्हें सेंटर पर प्रवेश नहीं दिया गया। ऐसे में परीक्षा
केद्रों के बाहर युवकों की परीक्षा सेंटर कर्मचारियों से बहस हुई।
कर्मचारियोें ने यह मामला उच्च अधिकारियों के ध्यानार्थ किया, लेकिन बोर्ड
के सख्त निर्देश की पालना में उन्हें अंदर जाने नहीं दिया।