राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2012 में चयनित
अभ्यर्थियों को नोशनल व वरिष्ठता संबंधी लाभ प्रदान करने के लिए दायर
याचिकाएं निस्तारित कर दी। याचिकाकर्ता सुरेश कुमार व अन्य की ओर से
अधिवक्ता कैलाश जांगिड़ ने पैरवी कर कोर्ट को बताया, कि वर्ष 2012 में
शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी,
जिसमें संबंधित जिला परिषद
में याचिकाकर्ताओं को आरटेट संबंधी अंक व संशोधित परिणाम की प्रक्रिया के
कारण पूर्व में नियुक्तियां प्रदान नहीं कर बाद में नियुक्तियां दी गई।
जबकि पूर्व में चयनित अभ्यर्थियों को सितंबर, 2012 में ही नियुक्तियां
प्रदान की गई थी तथा उन्हें समस्त नोशनल व वरिष्ठता संबंधी परिलाभ भी दिए
जा रहे हैं। याचिकाकर्ताओं द्वारा परिलाभ प्रदान करने के लिए पूर्व में
प्रतिवेदन प्रस्तुत किए लेकिन उन्हें किसी तरह के परिलाभ नहीं दिए गए हैं।
इसके विरुद्व याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर कर बताया, कि भर्ती
प्रक्रिया में कई कमियों को पूरा करने के बाद भी याचिकाकर्ताओं को
अप्रार्थीगण की ओर से समय पर नियुक्तियां नहीं दी गई जबकि सेवा संबंधी
समस्त परिलाभ के वो हकदार हैं।
न्यायाधीश अरुण भंसाली ने सुनवाई करते हुए सभी याचिकाओं को निस्तारित
करते हुए, निर्देश दिए कि वर्ष 2012 अध्यापक भर्ती के तहत याचिकाकर्ताओं की
ओर से प्रस्तुत प्रतिवेदन इस संदर्भ में पूर्व में जारी न्यायिक निर्णयों
के आधार पर निस्तारित किए जाए।