टीएसपी क्षेत्र में विशेष मूल निवास ऑनलाइन बना हुआ है तो नौकरी नहीं मिलेगी। ऐसा हाल ही में हो रही सरकारी नियुक्तियों में किया जा रहा है जो अभ्यर्थियों के लिए तनाव का कारण बना हुआ है। सरकार को चाहिए कि ऑनलाइन प्रमाण पत्रों में अधिसूचना की तारीख 4 जुलाई 2016 दर्ज करें तो राहत मिलेगी।
जिससे ये पता चलेगा कि आगे अभ्यर्थियों क्या करना है।
राज्यपाल की 4 जुलाई 2016 की अधिसूचना को आधार मानकर ही ऑफलाइन बनवाए जा रहे प्रमाण पत्र ही मान्य
इन भर्तियों में दिक्कतें
हाल ही में जिला परिषद की ओर से जेटीओ (कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी) की भर्ती की जा रही है। इसके लिए दस्तावेजों का सत्यापन प्रक्रिया में है। इधर, इसी तरह हाल ही पूरी हुई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती और वर्तमान में दी जा रही द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का भी सत्यापन किया जा रहा है। इसी तरह जूनियर अकाउंटेंट की भर्ती भी हाल ही में पूरी हुई है। द्वितीय श्रेणी के लिए दस्तावेज सत्यापन आरपीएससी को भेजे गए हैं।
कानूनी पेंच को यूं समझें
समानता मंच के प्रयासों से टीएसपी क्षेत्र में 1 जनवरी 1970 से रहने वाले परिवारों को ऑनलाइन विशेष मूल निवास जारी करने की स्वीकृति राज्यपाल ने अपनी अधिसूचना के तहत 19 जुलाई 2013 से दी थी। साल 2016 ऐसी ही अधिसूचना राज्यपाल ने 4 जुलाई को जारी की थी। इसमें आंशिक बदलाव था। बदलाव यह था कि 2०13 की अधिसूचना के अनुसार 25 साल से टीएसपी क्षेत्र में रहने वाले परिवार को इस तरह के प्रमाण पत्र जारी किए जाने का प्रावधान किया था। अब 2016 की नई अधिसूचना में एक जनवरी 1970 से पूर्व रहने वाले परिवारों को ही ऐसा प्रमाण पत्र दिया जा सकेगा।
विवाहित महिलाओं के लिए यह है परेशानी
बाहरी महिलाओं का विवाह टीएसपी क्षेत्र में होता आया है। ऐसे में इसे लेकर सरकारी नियुक्तियों से पहले जब ये महिलाएं स्थानीय प्रशासन से विशेष मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने जाती है तो उन्हें इंकार कर दिया जाता है। इसके पीछे वजह उनका पैतृक स्थान टीएसपी के बाहर का बताया जाता है। हालांकि अधिसूचना में कही भी इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है कि ऐसी महिलाओं को प्रमाण क्यों नहीं दिया जाए।
नई अधिसूचना के अनुसार ही नियुक्तियां दी जानी जरूरी है। 2016 की अधिसूचना के प्रमाण पत्र देने वालों को ही टीएसपी का फायदा मिल सके। संभागीय आयुक्त से बात कर अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन की तारीख करीब होने की स्थिति में राहत देने के लिए अपील करूंगा। दिग्विजयसिंह चूंडावत, संयोजक और संस्थापक, समानता मंच।