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जेएनवीयू बैकफुट पर, हटाए गए दोनों विभागाध्यक्षों को फिर जिम्मा

जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय को दो विभागाध्यक्षों को हटाने के मामले में बैकफुट पर आना पड़ा है। हटाए गए दोनों विभागाध्यक्षों को फिर से जिम्मा सौंप दिया गया है। कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने अपने विशेषाधिकारों के नियम 12(5) के तहत उन्हें हटाया था।
इस मामले में सवाल भी उठे, लेकिन हाल में जेएनवीयू शिक्षक संघ के सचिव प्रो. डीएस खीची की ओर से ज्ञापन देकर कुलपति प्रो. सिंह को अवगत करवाया गया था कि यह निर्णय नियमानुसार गलत है। उन्होंने चेतावनी दी कि निर्णय वापस नहीं लिया तो शिक्षक संघ आंदोलन करेगा।

जेएनवीयू में शिक्षक भर्ती के तहत करीब 62 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। इसी भर्ती के तहत हुए आवेदनों की स्क्रूटनिंग के लिए विभागाध्यक्षों डीन को आदेश दिए गए थे, लेकिन कुलपति के आदेशों के बावजूद दो विभागाध्यक्ष स्क्रूटनिंग में सहयोग नहीं कर रहे थे। इस पर कुलपति ने उन्हें विभागाध्यक्ष पद से हटाने की चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने सहयोग नहीं किया तो कुलपति ने निर्देश निकाल अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. कल्पना पुरोहित बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के विभागाध्यक्ष प्रो. राजन हांडा को पद से हटा अन्य को इन पद की जिम्मेदारी सौंप दी थी। हाल में शिक्षक संघ के सचिव प्रो. खींची ने एक ज्ञापन कुलपति को सौंपा उन्हें विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए हटाना नियमानुसार गलत बताया। कुलपति प्रो. सिंह ने रविवार को शिक्षक संघ के सचिव प्रो. खींची को बुलाया इस बारे में विचार-विमर्श किया। बाद में प्रोफेसर डाॅ. पुरोहित को पुनः अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. हांडा को बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के विभागाध्यक्ष पर नियुक्त कर दिया। प्रो. खींची के अनुसार विश्वविद्यालय के कुुलपति नियमानुसार किसी विभागाध्यक्ष को हटा नहीं सकते। यदि कोई भी अनुशासनहीनता करता है तो मामले को सिंडिकेट के समक्ष रखना होता है और सिंडिकेट ही कार्रवाई कर सकती है।

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