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राज्य सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों पर जताया आक्रोश

राज्यसरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों को लेकर शुक्रवार को प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से सात सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार सुरेंद्र शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया।


ब्लॉक अध्यक्ष राकेश नागर की अगुवाई में सौंपे ज्ञापन में बताया कि सरकार की ओर से स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने से शिक्षकों का परेशानी का सामना करना पड़ेगा, वहीं नई पेंशन स्कीम को भी बंद कर फिर से पुरानी पेंशन स्कीम को ही लागू किया जाए। वहीं राज्य में चार लाख से अधिक शिक्षक हैं। ऐसे में सभी के द्वारा टैक्स पीपीपी ऑपरेटर कर पद समाप्त करना जरूरी नहीं है। वहीं अन्य सात सूत्रीय मांगों को जल्द पूरी करने की मांग की है। इस दौरान संघ ने जल्द मांगों को पूरा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में सुरेशचंद गोठवाल, राजाराम, देवकीनंदन, अनिल मालव, सत्यनारायण शर्मा, सुनील वर्मा, जाकिर हुसैन, गायत्री चौरसिया, गजानंद मालव, महावीर प्रसाद आदि मौजूद थे।

शिक्षकोंने जयपुर में किया धरना-प्रदर्शन: बारां. राजस्थानशिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा प्रदेश महामंत्री देवलाल गोचर के नेतृत्व में शिक्षकों की ज्वलंत समस्याओं का समाधान करवाने को लेकर बनीपार्क जयपुर में धरना-प्रदर्शन किया गया। जिलाध्यक्ष महावीर मीणा जिलामंत्री बृजगोविंद टेलर ने बताया कि मुख्य मांगें 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू करवाने, सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर दिए गए विद्यालयों को निरस्त करने, नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करवाने, शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर करवाने सहित अन्य मांगों को लेकर धरना दिया गया। धरने के दौरान संगठन के प्रतिनिधिमंडल को सरकार के मुख्य सचिव ने वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता में संगठन को आश्वस्त किया कि शिक्षकों का केंद्र निधि का वेतन बजट आवंटित कर दिया है। धरने में बारां जिले से जिला सभाध्यक्ष गिरिराज नागर, जिला कोषाध्यक्ष मोजीराम नागर, संयुक्त मंत्री जोधराज सुमन, मांगरोल अध्यक्ष राजेंद्र गुर्जर, किशनगंज मंत्री मनीष सुमन, मांगरोल मंत्री महावीर मालव, राधेश्याम मीणा, रामरतन बैरवा आदि ने भाग लिया। 

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