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तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती : सफल अभ्यर्थी रो रहे तकदीर का रोना, जिला प्रमुख से बोले, हमारा क्या कसूर

हनुमानगढ़ जिला परिषद की ओर से आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में पुन: संशोधित परिणाम जारी होने के बाद नव चयनितों के पदस्थापन की प्रक्रिया पर सरकार ने रोक लगा दी है। इनकी काउंसलिंग गुरुवार को होनी थी।
मगर न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण सरकार ने आगामी आदेश तक काउंसलिंग पर रोक लगा दी है। इससे नव चयनित परेशान हैं। गुरुवार को नव चयनित अभ्यर्थियों का शिष्टमंडल जिला प्रमुख कृष्ण चोटिया से मिला और नियुक्ति देने की बात कही। जिला प्रमुख ने कहा कि जयपुर मुख्यालय जाकर वस्तुस्थिति से अवगत करवाऊंगा।
सरकार से मार्गदर्शन लेकर यथाशीघ्र नियमानुसार नियुक्ति देने की प्रक्रिया पूर्ण करवाने का आश्वासन दिया। गत दिनों जारी पुन: संशोधित परीक्षा परिणाम में 72 नव चयनितों की सूची जारी की गई। सफल अभ्यर्थियों के पदस्थापन के लिए दो मार्च को काउंसलिंग होनी थी। इसके लिए टीमें भी गठित कर ली गई थी। मुख्यालय स्तर पर रिक्त पदों की सूची के अनुसार नियुक्ति देने की सभी तैयारी पूरी कर ली गई थी। लेकिन अचानक काउंसलिंग स्थगित होने से नवचयनितों को अब नियुक्ति मिलने में देरी हो रही है।
आगामी आदेश पर नियुक्ति
दो जून 2012 को हुई परीक्षा में 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों का नामांकन हुआ था। पहली बार परिणाम जारी होने के बाद मामला कोर्ट में गया तो अब तक तीन बार परिणाम जारी हो चुका है। लेकिन भर्ती प्रक्रिया अब तक पूर्ण नहीं हुई है। जिला परिषद में भर्ती प्रकोष्ठ प्रभारी विनोद गोदारा ने बताया कि काउंसलिंग स्थगित करने को लेकर निर्देश प्राप्त हुआ है। आगामी आदेश मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे। पूर्व में काउंसलिंग की सभी तैयारी पूरी कर ली गई थी।
बदल रही मेरिट
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में अब तक तीन बार परिणाम जारी हो चुका है। इसमें मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई। लेकिन इन तीनों परिणाम के बीच में कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके अंक अधिक होने के बावजूद वह नियुक्ति के लिए अब तक भटक रहे हैं। अभ्यर्थी पवन कुमार सोनी ने बताया कि पहली बार जारी परिणाम में ओबीसी वर्ग में उसके 143 नंबर आए। संशोधित परिणाम में उसके अंक 138 हो गए तथा पुन: संशोधित परिणाम में उसके अंक बढ़कर 154.64 हो गए हैं। लेकिन पुन: संसोधित परिणाम में ओबीसी की मेरिट अब 157.62 हो गई है। इसके चलते उसे नियुक्ति नहीं दी जा रही है। जबकि इससे पहले पहली बार जारी परिणाम के दौरान ओबीसी की मेरिट 154.59 थी। इसके आधार पर सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई थी और वह वर्तमान में कार्यरत हैं। आरोप है कि 145 अंक वाले नौकरी कर रहे हैं, जबकि 154 अंक वाले दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

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