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यहाँ प्रधान नही,प्रधान शिक्षक है गरिमा

कहते है कि पढ़ा लिखा इंसान समाज में बदलाव का मादा रखता है और अगर जनप्रतिनिधि उच्च शिक्षा से रूबरू हो तो वह चाहता है की उसके इलाके में तालीम को लेकर बयार चलती रहे ,ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है इन दिनों रेतीले बाड़मेर की सिवाना पंचायत समिति में।सिवाना की युवा और ऊर्जावान प्रधान गरिमा राजपुरोहित इन दिनों प्रधान से ज्यादा प्रधान शिक्षक के रूप में नजर आती है।
अपनी पंचायत के अलावा आस-पास के इलाको में बालिका शिक्षा को लेकर प्रधान गरिमा रॉल मॉडल बनी हुई नजर आती है। बीते दिनों ही संभाग मुख्यालय जोधपुर में सिवाना की युवा प्रधान गरिमा राजपुरोहित बढ़ाती नजर आई थी। सम्भाग मुख्यालय जोधपुर में आयोजित समारोह में गरिमा राजपुरोहित को वीर दुर्गादास मातृ शक्ति सम्मान 2016 से नवाजा गया था। जोधपुर महाराजा गजसिंह द्वारा इस सम्मान से सम्मानित होने वाली यह बाड़मेर की पहली युवा बनी। जनसेवा और फ़ाईन आर्ट के क्षेत्र में संभाग के सबसे बड़े सम्मान के रूप में अपनी पहचान बना चुके वीर दुर्गादास मातृ शक्ति सम्मान का आयोजन हर साल वीर दुर्गादास राठौड़ स्मृति समिति जोधपुर द्वारा किया जाता है।सिवाना इलाके में बतौर प्रधान रहते हुए बालिका शिक्षा,महिला एवं बाल विकास के साथ साथ सरकार की जन हितैषी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं योजनाबद्ध तरीके उनकी मोनेटरिंग के लिए गरिमा राजपुरोहित का चयन किया गया।वीर दुर्गादास राठौड़ स्मृति समिति के मुख्य सरंक्षक महाराजा गजसिंह द्वितीय और अध्यक्ष जगत सिंह राठौड़ है।इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद प्रधान के कदमो को और सम्बल मिला है।एक तरफ जहाँ इलाके लोग अपनी बेटियों में आने वाले कल की गरिमा राजपुरोहित देख रहे है वही दूसरी तरफ प्रधान ने अपने काम को अपनी पंचायत तक सीमित ना रखते हुए काफी आगे बढ़ा लिया है। बालिकाओं को आगे बढ़ाने और हर लम्हा,हर पल अपना वक़्त उनके सर्वागीण विकास को समर्पित कर चुकी प्रधान गरिमा का मकसद सिवाना पंचायत समिति को बालिका शिक्षा में 100 फीसदी करना है। पुरुष प्रधान समाज में प्रधान शिक्षक का किरदार अदा कर रही सिवाना प्रधान गरिमा राजपुरोहित के कदमो को सलाम है।

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