Important Posts

Advertisement

राजस्थान के बेरोज़गार बोले- 'अभी तक सरकार ने हमें परेशान किया, अब हम उनकी नाक में दम कर देंगे'

जयपुर। राजस्थान के बेरोज़गारों ने एक बार फिर सरकार से आर-पार की लड़ाई फैसला किया है। विभिन्न मांगों को लेकर संघर्षरत बेरोज़गारों को सरकार 'मीठी गोलियों' का आश्वासन देकर शांत कर देती है, लेकिन जब मांगे पूरी करने के मामले में सरकार ढिलाई दिखाना शुरू कर देती है तो बेरोज़गार फिर सरकार के खिलाफ गुस्साए तेवरों के साथ आगे आ जाते हैं।
प्रदेश के बेरोज़गार कुछ दिनों पहले स्थगित हुए आंदोलन को एक बार फिर से शुरू करने के मूड में आ गए हैं। इस बार बेरोज़गारों ने दो टूक शब्दों में कह दिया है, 'अब तक सरकार ने हमें परेशान किया, अब वक्त आ गया है जब हम सरकार की नाक में दम करके दिखा देंगे।
दरअसल, पिछले काफी समय से विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत महासंघ के बैनर तले आंदोलन चल रहा है। इस दौरान कई बार बेरोज़गारों ने सरकार को उग्र तेवर भी दिखाए और सडकों पर उतरकर धरना प्रदर्शन भी किया।
पिछले दिनों बेमियादी अनशन पर भी बैठकर मांगे मनवाने की कोशिश की गई। लेकिन हमेशा की तरह सरकार के नुमाइंदों ने आश्वासन देकर आंदोलन स्थगित करवा दिया।

इस बार ये बनाई सरकार को घेरने की रणनीति
आंदोलन की नई रूपरेखा तैयार की गई है जिसमे सरकार को घेरने की नई प्लानिंग के साथ कामकिया जा रहा है। इस बार सरकार से दो-दो हाथ राजधानी जयपुर में नहीं बल्कि सीएम के गृह ज़िले धौलपुर में किया जाना तय हुआ है। इस रणनीति के तहत बेरोज़गार वहां आयोजित हो रहे उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को हारने के लिए जनसंपर्क करेंगे।
चुनाव मैदान में होगा बेरोज़गारों का प्रत्याशी
धौलपुर उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को हारने के लिए बेरोज़गारों ने अपने प्रतिनिधि को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। बेरोज़गार दावा कर रहे हैं कि धौलपुर उपचुनाव में इस तरह का माहौल तैयार कर देंगे की बीजेपी की हार और युवाओं की जीत होगी।
सोशल मीडिया के ज़रिये एकजुट हो रहे बेरोज़गार
बेरोज़गारों ने धौलपुर में सरकार को घेरने की प्लानिंग के साथ ही प्रदेश भर के ज़्यादा से ज़्यादा बेरोज़गारों को एकजुट करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। बताया जा रहा है कि 23 मार्च को धौलपुर पहुंचकर बेरोज़गार युवा घर-घर जाकर बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करेंगे।
ये हैं प्रमुख मांगें:
(1) 2013 के 7 हज़ार चयनित बेरोज़गारों को जल्द से जल्द नियुक्ती दी जाएं
- सुप्रीम कोर्ट से फैसला आए 4 महीने से ज़्यादा बीत गया लेकिन अभी तक नियुक्ती प्रकिया शुरु नहीं हुई।
(2) रीट 2016 के चयनित बेरोज़गारों को जल्द से जल्द नियुक्ती दी जाएं
- हाईकोर्ट से 1 नवम्बर को फैसला आ गया, लेकिन अभी तक नियुक्तियां नहीं दी गई।
(3) 2012 के 40 हजार अध्यापकों का स्थाईकरण किया जाए, बकाया एरियर तुरन्त दिया जाए।
(4) धरने प्रर्दशन के दौरान बेरोज़गारों पर लगे मुकदमे वापस लिए जाएं।

UPTET news

Recent Posts Widget

Photography