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प्रदेश में सवा लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी , असर शिक्षा व्यवस्था पर

बीकानेर राज्य की स्कूलों में शिक्षकों की कमी का असर शिक्षा व्यवस्था पर है। अभी प्रदेश में सवा लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी है। एक तरफ राज्य सरकार सरकारी स्कूलों को स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों की तरह सभी सुविधाओं देकर आधुनिक बनाने का प्रयास कर रही है वहीं दूसरी तरफ हालत यह है कि इन स्कूलों मे पढ़ाने के लिए शिक्षको की भारी कमी है।

प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्कूलों ें शिक्षकों के 1 लाख, 37 हजार 492 पद रिक्त है, जिनमें माध्यमिक शिक्षा की स्कूलों  में संस्था प्रधानों सहित 89 हजार 378 व प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 48 हजार 114 शामिल है। एेसे में सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक स्तर में सुधार की कवायद सफल हो पाना मुश्किल लग रहा है।
हालाकि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने रिक्त पदों को भरने के लिए वर्ष 2016-17 की नियमित डीपीसी कराने का कलेण्डर जारी कर दिया है लेकिन इसके बाद भी एेसा नहीं लगता कि विभाग वर्तमान में बड़ी संख्या में रिक्त व्याख्याताओं, द्वितीय श्रेणी अध्यापकों, अध्यापक लेवल प्रथम व द्वितीय पीटीआई सेकण्ड व तृतीय श्रेणी के रिक्त करीब 86 हजार 768 पदो को भर सकेगा।
 इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग में संस्था प्रधानों के भी करीब 2610 पद रिक्त पड़े है। इतनी बड़ी संख्या में रिक्त पदों को सीधी भर्ती व डीपीसी से अगले शिक्षण सत्र तक भरा जाना संभव नहीं है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग में विभिन्न विषयों के व्याख्याताओं के 47 हजार329 पद स्वीकृत बताएं जाते है जिनमें से26 हजार 543 पद रिक्त पड़े है एेसे में सरकारी स्कूलों के बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार की अपेक्षा करना बेमानी ही है।
  यही नहीं विभाग में द्वितीय ग्रेड अध्यापकों के स्वीकृत 68 हजार 949 पदों में 15 हजार 412 पद ,अध्यापक लेवल प्रथम के स्वीकृत 36 हजार 934 में से 22 हजार 629,लेवल द्वितीय के 37 हजार 701 पदों के विरूद्ध 18 हजार 308 पद रिक्त चल रहे है।
शारीरिक शिक्षकों के 3876 पद भी रिक्त
माध्यमिक शिक्षा विभाग मे इसके अलावा द्वितीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों के 3374 स्वीकृत पदों के विरूद्ध 1245 पद तथा ंतृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों के स्वीकृत 9535 में से 2631 पद रिक्त है।
डीपीसी से पद भरने की कवायद
इन सभी संवर्गो में कुल स्वीकृत पदों में से आधे पद सीधी भर्ती से तथा आधे पद डीपीसी से भरे जाने का प्रावधान है ।
विभाग वर्ष 2016-17 तक डीपीसी कराने का कलेण्डर जारी कर चुका है लेकिन सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों को अगले शिक्षण सत्र में भरा जा सकेगा इसमें संदेह ही है। एेसे में अगले शिक्षण सत्र में भी स्कूलों में शिक्षकांे का अभाव ही रहेगा जिसके लिए विभाग ने अभी तक कोई योजना नहीं बनाई है ।
प्रा. शिक्षा में 48 हजार 114 पद रिक्त
प्रारंभिक शिक्षा में भी शिक्षकों में भी शिक्षकों का अभाव है प्रारंभिक शिक्षा की उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के स्वीकृत 22075 पदों मे से 8606 पद खाली चल रहे है इन स्कूलों में प्रधानाध्यापक का पद सेकण्ड ग्रेड अध्यापक का होता है ।
इसके अलावा  प्रारंभिक शिक्षा में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 1 लाख 83 हजार 394 स्वीकृत पदों मे से 38 हजार 988 पद रिक्त पड़े है। इस विभाग में पीटीआई के 517 पद रिक्त है।
सेकण्डरी के 2610 स्कूलों में भी अभाव
राज्य की उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यो के कुल स्वीकृत पद 9588 है जिनमें से 1855 सीनीयर सेकण्डरी स्कूल बिना प्रधानाचार्यो के ही संचालित हो रही है इसी प्रकार माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापको के स्वीकृत 4170 पदों में से 755 स्कूल बिना प्रधानाध्यापकों के ही चल रहे है ।
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