सत्तारूढ़ सरकार
द्वारा जनता की आवाज दबाने और उन पर लाठियां बरसा कर तानाशाही शासन चलाने
की कड़ी भर्त्सना की गई है। राजस्थान प्रदेश राजीव गांधी फेडरेशन के प्रदेश
संयोजक कमल गंगवाल महासचिव विकास अग्रवाल एवं एनएसयूआई के पूर्व
जिलाध्यक्ष विवेक पाराशर ने बताया
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RU में PORN देखने के लिए हो रहा फ्री Wi-Fi सर्विस का इस्तेमाल, शिक्षक और विद्यार्थी दोनों शामिल
जयपुर राजस्थान
विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को ई-एजुकेशन देने के लिए शुरू
की गई फ्री वाई-फाई सुविधा से विद्यार्थी शिक्षा लेने में कितने सफल हुए
हैं यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन विद्यार्थी पोर्न शिक्षा का पाठ लेने
में जरूर सफल हुए हैं। मुफ्त में वाई-फाई से इंटरनेट एक्सेस कर
रहे विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से ज्ञान हासिल करने की बजाए पोर्न
साइट्स पर जमकर पोर्न दर्शन कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने ऐसा क्या कर दिया कि छात्राओं ने कहा नहीं आएंगी स्कूल
धौलपुर. सरकार
भले ही बालिकाओं की अच्छी शिक्षा और भौतिक सुविधाओं को लेकर भरसक प्रयास
कर रही हो, लेकिन देखा जाए तो विद्यालयों में दी जाने वाली शिक्षा कुछ अलग
ही बयान करती है। कहीं
तो शिक्षा के लिए पर्याप्त भवन नहीं है तो कहीं ज्ञान देने वाला ज्ञानदाता
नहीं है। देखा जाए तो विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को वो शिक्षा नहीं
मिल पा रही है, जिसके लिए शिक्षा विभाग और सरकार दावे करती है। यही कारण है
कि छात्र-छात्राओं का जीवन शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण गहन अंधकार में
है।
रीट के आयोजन का वादा भूली राजस्थान सरकार, बेरोजगारों का बढ़ रहा है आक्रोश
राजस्थान में शिक्षक भर्ती के लिए रीट परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का इन्तजार लम्बा होता जा रहा है.
निराशा के शिकर हुए छात्र
प्रदेश के दूर-दराज इलाकों से राजधानी के कोचिंग संस्थानों में लाखों रुपया अपनी पढाई पर खर्च कर चुके युवा इस भर्ती का बेसब्री से बाट जोह रहे हैं. लम्बे समय से रीट की राह तक रहे युवा अब निराशा के शिकार होते जा रहे हैं साथ ही उनमें आक्रोश भी पनप रहा है.
निराशा के शिकर हुए छात्र
प्रदेश के दूर-दराज इलाकों से राजधानी के कोचिंग संस्थानों में लाखों रुपया अपनी पढाई पर खर्च कर चुके युवा इस भर्ती का बेसब्री से बाट जोह रहे हैं. लम्बे समय से रीट की राह तक रहे युवा अब निराशा के शिकार होते जा रहे हैं साथ ही उनमें आक्रोश भी पनप रहा है.
दृष्टिबाधित शिक्षकों के साथ बेहूदा मजाक
बीकानेर राज्य के बीकानेर
में शिक्षा विभाग ने दृष्टिबाधित शिक्षकों के साथ बेहूदा मजाक किया है।
उसने न सिर्फ इन शिक्षकों की जनगणना में ड्यूटी लगा दी बल्कि उन्हें पावर
प्रजेन्टेशन प्रशिक्षण में भी बुला लिया।
यही नहीं नि:शक्त कर्मियों को भी टे्रनिंग के लिए बुलाया गया। दृष्टिबाधित शिक्षकों ने ड्यूटी करने में असमर्थता जताई और अपना विरोध दर्ज किया।
यही नहीं नि:शक्त कर्मियों को भी टे्रनिंग के लिए बुलाया गया। दृष्टिबाधित शिक्षकों ने ड्यूटी करने में असमर्थता जताई और अपना विरोध दर्ज किया।
शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षिक कार्यों में लगाने का विरोध, एसडीएम को ज्ञापन सौंपा
फतेहपुर.
राजस्थान शिक्षक संघ ने जनसंख्या रजिस्टर सहित अन्य कार्यों में शिक्षकों
की ड्यूटी लगाने का विरोध करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। जिला महामंत्री
विनोद पूनियां ने बताया कि उच्चतम न्यायालय, मुख्य सचिव आदि के आदेशों के
अनुसार शिक्षकों की ड्यूटी जनसंख्या रजिस्टर संधारण, आधार कार्ड, राशन
कार्ड आदि में नहीं लगाई जा सकती।
शिक्षण व्यवस्था के नाम पर शिक्षक बने फुटबॉल
डूंगरपुर. जिले
के राजकीय माध्यमिक विद्यालय, वसीपाल में शिक्षक विभागीय लापरवाही का
खमियाजा भुगत रहे हैं। यहां स्थानांतरित होकर गए शिक्षकों को कभी शिक्षण
व्यवस्था तो कभी परिवेदना निस्तारण के नाम पर मनमर्जी से अलग-अलग स्कूलों
में भेजा जा रहा है। आदेशों की उलझन में फंसे इन शिक्षकों को जून माह से
वेतन भी नहीं मिला है।
राजस्थान में काली दिवाली मनाएंगा शिक्षकों यह वर्ग, जानें क्यों?
साल दो हजार बारह में नियुक्त हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों को प्रोबेशन
अवधि पूरी कर लिए जाने के बावजूद भी नियमित वेतनमान नहीं दिया जा रहा है.
यह शिक्षक अब आन्दोलन की राह पर हैं.