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राजस्थान शिक्षक भर्ती: महिलाओं को 50% आरक्षण पर अटकी प्रक्रिया, CM भजनलाल का अधूरा रह जाएगा सपना?

 जयपुर: भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महिलाओं को बड़ी सौगात दी थी। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लेवल वन में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया था। बाद में राज्य सरकार ने 50 फीसदी आरक्षण की फाइल को मंजूरी भी दे दी, लेकिन अब यह मामला अटकता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद अभी तक शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। भर्ती होने से पहले ही विधि विभाग ने महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने की फाइल को रोक दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर आपत्तियां आने के बाद विधि विभाग ने फाइल लौटा दी है।

विधि विभाग की ओर से दूसरी बार फाइल लौटाने पर अब सीएम भजनलाल शर्मा का सपना अधूरा रहने का संशय है। हालांकि शिक्षा विभाग का कहना है कि जो आपत्तियां है उन्हें जल्द दूर कर दिया जाएगा।

30 फीसदी से 50 फीसदी कर दिया गया था आरक्षण

राज्य सरकार की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में महिलाओं के लिए 30 फीसदी आरक्षण तय है। शिक्षा विभाग में भी 30 फीसदी आरक्षण था, लेकिन सीएम भजनलाल शर्मा ने शिक्षक भर्ती लेवल वन में महिलाओं का आरक्षण 30 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया था। इसी तरह पुलिस कांस्टेबल भर्ती में भी महिलाओं का आरक्षण 30 फीसदी से बढ़ाकर 33 फीसदी कर दिया गया था।

महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाए जाने के बाद अब तक शिक्षकों और पुलिसकर्मियों की भर्ती नहीं हुई है। भर्ती होने से पहले ही शिक्षक भर्ती में बढाए गए आरक्षण पर आपत्तियां आ गई। ऐसे में विधि विभाग ने शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को लौटाते हुए आपत्तियों पर जवाब मांगा है।

आरक्षण बढ़ाये जाने पर ये हैं आपत्तियां

1. राजस्थान के पंचायतीराज नियम 1966 के नियम 261 के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है, जबकि कुछ वर्षों पहले अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ एक अलग वर्ग अति पिछड़ा वर्ग बना कर आरक्षण दे दिया गया। अब 50 फीसदी महिला आरक्षण को लेकर अलग से स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।


2. सीधी भर्तियों में विशेष योग्यजनों भी आरक्षण का अलग से प्रावधान है। उनके लिए सीधी भर्ती के साथ पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने का नियम है। दूसरी तरफ अब महिला आरक्षण बढ़ाये जाने पर प्रशासनिक विभाग की ओर से प्रस्तावित संशोधन में दिव्यांगजनों के लिए सीधी भर्ती में ही आरक्षण का प्रावधान स्पष्ट किए जाने की बात कही गई है।


3. अलग-अलग विभागों में होने वाली सीधी भर्तियों में आर्थिक कमजोर वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग और उत्कृष्ट खिलाड़ी आदि वर्गों के लिए आरक्षण के जो प्रावधान है। इस प्रकार के प्रावधान अन्य सीधी भर्तियों के सेवा नियमों में है। इस संबंध में भी स्थिति स्पष्ट करने की बात कही गई है।

जल्द निकालेंगे समाधान

महिला आरक्षण के अटकने के मामले में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट का कहना है कि विधि विभाग की ओर से कुछ जानकारियां मांगी है। पूर्व में भी कुछ जानकारियां मांगी गई थी जिनका स्पष्टीकरण भेज दिया गया था। अब एक बार फिर से कुछ जानकारियां मांगी ई है। जल्द ही पूरी स्थितियां स्पष्ट करके जवाब भेज दिया जाएगा। जाट ने कहा कि आरक्षण अटकने जैसी कोई बात नहीं है।

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