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राजस्थान: डमी कैंडिडेट बैठाकर नौकरी पाने वाले 2 सरकारी शिक्षक और 1 बिचौलिया गिरफ्तार, ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे

 जयपुर: राजस्थान पुलिस की स्पेशल ब्रांच एसओजी और राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी पेपर लीक मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है। सब इंस्पेक्टर भर्ती, शिक्षक भर्ती, पटवारी भर्ती, वीडियो भर्ती, लाइब्रेरियन भर्ती सहित कई भर्ती परीक्षाओं में हुए फर्जीवाड़े का एसओजी ने खुलासा करते हुए 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

एसओजी के समानान्तर बांसवाड़ा पुलिस भी पेपर लीक और डमी कैंडिडेट मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है। बांसवाड़ा पुलिस अब तक कई सरकारी कर्मचारियों और दलालों सहित दर्जनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। मंगलवार 24 सितंबर को बांसवाड़ा पुलिस ने 2 और सरकारी शिक्षकों को गिरफ्तार किया। साथ में एक बिचौलिये को भी गिरफ्तार किया है।


दो सरकारी शिक्षक और एक दलाल गिरफ्तार

एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला के निर्देश पर बांसवाड़ा पुलिस की टीमें लगातार पेपर लीक मामलों और डमी कैंडिडेट के आरोपियों की धरपकड़ कर रही है। डिप्टी एसपी विनय चौधरी, और शिवन्या सिंह के नेतृत्व में लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है। मंगलवार 24 सितंबर को वृत्ताधिकारी कुशलगढ और वृत्ताधिकारी सज्जनगढ़ के नेतृत्व में सज्जनगढ़ थाने में दर्ज प्रकरण में दो सरकारी शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया। एक शिक्षक ललित कुमार गरासिया है जबकि दूसरा शिक्षक अमर सिंह डांगी है। सज्जनगढ़ थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक रीट परीक्षा में इन दोनों आरोपियों ने डमी कैंडिडेट बैठाए थे। बाद में हुई शिक्षक भर्ती में दोनों का चयन हो गया था। रीट परीक्षा के प्रवेश पत्रों में फोटो मिलान नहीं होने पर इनके खिलाफ शिक्षा विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई। दोनों शिक्षकों के साथ तीसरे आरोपी मुकेश पणदा को भी गिरफ्तार किया गया। मुकेश ने बिचौलिये की भूमिका निभाई थी।

रीट 2015 और रीट 2017 में किया था फर्जीवाड़ा

डिप्टी एसपी शिवन्या सिंह ने बताया कि दोनों ही शिक्षकों ललित और अमर सिंह ने रीट परीक्षा वर्ष 2015 और 2017 की परीक्षा के आवेदन पत्रों में अन्य डमी अभ्यर्थियों के फोटो लगाकर डमी अभ्यर्थियों से परीक्षाएं दिलवाई थी। परीक्षा केन्द्र पर अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी को परीक्षा में बिठाकर परीक्षा उत्तीर्ण की। बाद में वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में हुई तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती में रीट के प्रमाण पत्र के आधार पर तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर नौकरी प्राप्त कर ली। दोनों आरोपियों के मूल दस्तावेजों का बारीकी से जांच की तो पाया गया कि आवेदन पत्रों पर लगी हुई फोटो प्रथम दृष्टतया अलग अलग पाई गई और आवेदन पत्रों पर हस्ताक्षर भी प्रथम दृष्टतया अलग अलग व्यक्तियों के पाए गए थे। इसके बाद प्रारम्भिक शिक्षा विभाग की ओर से आरोपी शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया।

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