भोपाल. प्रदेश के स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। दूसरी ओर स्कूलों में तैनात किए गए शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्यों में अटैच हैं। वे नेता.मंत्री और अफसरों की सेवा में जुटे हैं। कोई पूर्व मंत्री
के लिए हाजिरी बजा रहा है तो कोई सांसद का पीए बना बैठा है। कई विधायक की सेवा में जुटे हैं। उनके स्कूलों में नहीं पढ़ाने के बाद भी वेतन संबंधित स्कूलों के मद सेजारी किए जा रहे हैं। हाल ही में सरकार ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा.शिक्षकों को गैर.शैक्षणिक काम में नहीं लगाने को कहा। कहीं तैनात हैं तो उन्हें रिलीव करने को कहा। फिर भी प्रदेश के स्कूलों में सैकड़ों शिक्षक नेता.मंत्री की सेवा कर रहे हैं। कई निर्वाचन, जनगणना कार्यालय जिप, जनपद, तहसील, एसडीम और संकुल केंद्र में ड्यूटी कर रहे हैं। शिक्षक संघ की माने तो पूरे प्रदेश में कई स्कूलों में गिनती के शिक्षक हैं। कहीं एक तो कहीं दो। इस पर जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए।