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अरे ये क्या ! राजस्थान में प्रमोशन नहीं चाहते हैं शिक्षक... आखिर क्या है वजह... जानिए पूरा सच

 सीकर. शिक्षा विभाग(Rajasthan education department) की ओर से इस महीने में प्राध्यापक पदोन्नति के लिए हुए परामर्श शिविरों में 11 विषयों के 590 से अधिक शिक्षकों (teachers) ने दूरी बना ली। शिक्षा निदेशालय ने इन

शिक्षकों को पदोन्नति का अंतिम अवसर देते हुए 15 फरवरी तक निदेशालय में बुलाया है। इसके बाद भी परामर्श शिविर में शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों को पदोन्नति परित्याग की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। दरअसल, द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति पिछले साल ही हो गई थी। लेकिन विभाग कोरोना की वजह से परामर्श शिविरों का आयोजन नहीं करा पा रहा था। इस महीने स्थिति थोड़ी सामान्य होने पर विभाग की ओर से बीकानेर स्थित निदेशालय में परामर्श शिविरों का आयोजन किया गया। इसमें 590 शिक्षकों के नहीं आने पर निदेशालय ने एक मौका और दिया है।


शिविरों में शामिल होने से इसलिए दूरी
विभाग के परामर्श शिविरों से दूरी की मुख्य वजह है कि ज्यादातर शिक्षक अपने पुराने स्कूलों को नहीं छोडऩा चाहते। पदोन्नति के बाद नई नियुक्ति परामर्श शिविर के जरिए होनी है। ऐसे में 590 शिक्षकों ने दूरी बना ली। यदि यह शिक्षक अंतिम मौके पर भी उपस्थिति नहीं होते है तो पदोन्नति परित्याग मानते हुए पुराने स्कूल में ही उसी पद पर सेवाएं दे सकेंगे।


किस विषय के कितने रहे अनुपस्थित
संस्कृत: 42
जीव विज्ञान: 22
भौतिकी: 148
रसायन विज्ञान: 42
गृह विज्ञान: 38
अंग्रेजी: 46
भूगोल व अर्थशास्त्र: 68
राजनीति विज्ञान: 50
इतिहास: 77
वाणिज्य: 10
हिन्दी: 47

काउंसलिंग से खुद द्वारा स्कूल चयन करने पर केवल कक्षा शिक्षण कार्य पर केन्द्रित रहने वाले शिक्षकों का आत्मविश्वास बढ़ता है। इस बार अधिकांश रिक्त पद दर्शाए गए है। सभी रिक्त पद काउंसलिंग में शामिल करने का निर्णय करें तो विश्वसनीयता और बढ़ेगी। -महेन्द्र पांडे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

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