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ज्ञापन:यूजीसी रेगुलेशन के अनुरूप नियमों में परिवर्तन किए जाएं

 राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने यूजीसी रेगुलेशन के अनुरूप राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियमों में शीघ्र परिवर्तन की मांग की है। रुक्टा (राष्ट्रीय) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिग्विजय सिंह

शेखावत ने बताया कि राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) के नियमों में यूजीसी रेगुलेशन 2018 के अनुरूप अभी तक संशोधन नहीं किया गया है। ढाई वर्ष के बाद भी अभी तक इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अपेक्षित कार्रवाई नहीं हुई है। प्रदेश महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि रेगुलेशन के प्रावधानों में नवीन वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से देने, प्रोफेसर के पदों की संख्या पर ऊपरी सीमा हटाते हुए कॅरियर एडवांसमेंट योजना के अनुसार सभी पात्र शिक्षकों को प्रोफेसर पद पर प्रोन्नत करने, पीटीआई का पदनाम शारीरिक शिक्षा निदेशक करने, पीएच.डी., एम. फिल. एवं अन्य उच्च योग्यता के लिए प्रोत्साहन वेतन वृद्धि, नवनियुक्त शिक्षकों की प्रोबेशन अवधि 1 वर्ष करने, रिफ्रेशर/ओरियंटेशन कोर्स में छूट की अवधि दिसंबर 2018 तक बढ़ाने, सीधी भर्ती एवं प्रोन्नति के लिए पूर्व सेवा को गिनाने आदि कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं। राजस्थान सरकार के शिक्षा ग्रुप-4 द्वारा 19 अगस्त 2020 को राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए इसे लागू करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। लेकिन महाविद्यालय शिक्षकों के लिए इन प्रावधानों के अनुरूप सेवा नियमों में संशोधन अभी भी लंबित हैं। रुक्टा (राष्ट्रीय) ने उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर इन नियमों को शीघ्र जारी करने की मांग की है।

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