पदोन्नति अनुपात के नियमानुसार नहीं होने को अन्याय पूर्ण बताते हुए शिक्षक नेताओं ने नाराजगी जताई है। राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के सभाध्यक्ष सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि पदोन्नति में संख्या बल के अनुसार अनुपात कम
अथवा ज्यादा करना न्याय संगत नही है। वहीं राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष जयराम ने शिक्षा विभाग द्वारा इस तरह का लिया जाने वाला प्रस्ताव को गलत बताते हुए शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री से दोबारा विचार करने के लिए निवेदन किया है। उन्होंने बताया कि प्रिंसीपल की पदोन्नति में हैडमास्टर का अनुपात कम करने के पीछे हैडमास्टर का संख्या कम होने के तर्क को नकारते हुए कहा है कि हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि सैकंड ग्रेड से हैडमास्टर बनने में काफी अधिक समय लगता है। जबकि इसकी तुलना में व्यख्याता में पदोन्नति शीघ्रता से हो जाती है। शिक्षक संघ एकीकृत ने सरकार को सुझाव भेजा है कि यदि व्यख्याता का संख्या बल अधिक है, तो उन्हें पदोन्नति देने के लिए समस्त पीईईओ विद्यालय एवं सीआरसी विद्यालयों में उपप्रधानाचार्य के पद सृजित करके व्यख्याताओ को प्रमोट किया जा सकता है। संगठन ने आंदोलन तेज किए जाने की भी चेतावनी दी है।