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एनएसयूआई ने केंद्र सरकार की शिक्षक भर्ती की नई नीति के विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर में की नारेबाजी

एनएसयूआई ने बीएड एवं एसटीसी के छात्रों के साथ मिलकर केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति को लेकर विरोध जताया। इस दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति की प्रतियों को फाड़कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
छात्रों ने नई शिक्षा नीति को वापस लेने के लिए ज्ञापन मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल के नाम कलेक्टर को दिया। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा विभाग ने नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को और कठिन बना दिया है, जिससे शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को कई चरणों से होकर गुजरना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों की टैट से पहले स्क्रीनिंग होगी इसके बाद अतिरिक्त विषय अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित विषय में प्राप्त एनटीए परीक्षा के अंकों को भी शामिल किया जाएगा। तीसरे चरण में लिखित परीक्षा होगी इसके बाद 5 से 7 मिनट तक स्थानीय बीआरसी के सामने पढ़ाई करवानी होगी और अंत में इंटरव्यू रखा गया है, जो गलत है। जिला मीडिया प्रभारी श्याम सिंह परिहार और सत्येंद्र तोमर ने बताया कि नवीन शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में शिक्षकों की भर्ती को लेकर सभी स्तरों पर टैट संबंधित विषय में एनटीए ,साक्षात्कार, 3 वर्षीय परिवीक्षा काल के क्लोज को केंद्र सरकार को तत्काल वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई नीति में साक्षात्कार किया गया है, जिसमें श्रेष्ठ के स्थान पर अन्य जान पहचान या अन्य प्रकार के अभ्यर्थियों को फायदा दिया जा सकता है। जिससे गरीब तबके से आने वाले अभ्यर्थियों के लिए साथ यह नाइंसाफी होगी। नई नीति से होने वाली शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। ज्ञापन देने वालों में योगेश पंडित, गौरव बघेल, रोशनी रावत, तान्या माथुर, अमित शर्मा, चक्रेश राजौरया, अर्जुन पालीवाल, पुलकित चौधरी, हिमांशु महावर, सतेंद्र तोमर, रामप्रताप, सुनील, विवेक, अमित शर्मा, सतीश, सौरभ बघेला, विक्रम जादोंन, आशीष शर्मा सहित बीएड एवं एसटीसी छात्र एवं एनएसयूआई पदाधिकारी मौजूद रहे। 

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