Important Posts

Advertisement

हंगामे के बीच शिक्षा विभाग के 100 शिक्षकों काे पंचायतीराज का मान कर दी काउंसलिंग

काउंसलिंग में शिक्षा विभाग के अधीन शहरी क्षेत्र के शिक्षकों को शामिल करने की सूचना मिलने पर विभिन्न शिक्षक संगठन आए और विरोध किया तो सभी शिक्षकों ने सामूहिक रूप से आधे घंटे के लिए काउंसलिंग का बहिष्कार कर दिया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को गांव की स्कूलों में ही पोस्टिंग मिलनी थी, इसलिए वे काउंसलिंग में शामिल हो गए और शहरी क्षेत्र के शिक्षक बहिष्कार करके घर चले गए।


अब केविएट की तैयारी की

काउंसलिंग में हुई गड़बड़ियों को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी पहले ही भांप गए थे, इसलिए काउंसलिंग वाले दिन ही कोर्ट गए और वहां केविएट दायर कर दी। ऐसे में कोई पीड़ित न्यायालय की शरण लेता है तो कोर्ट विभाग का पक्ष भी सुनेगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही कोर्ट कोई आदेश जारी करेगा।

परिवेदना का भी समय नहीं दिया

काउंसलिंग इतनी जल्दबाजी में हुई कि शिक्षकों को उनकी परिवेदना देने का समय भी नहीं दिया गया, जबकि नियम यह है कि काउंसलिंग की तारीख घोषित करके रिक्त पदों की सूची दो दिन पहले देकर काउंसलिंग से एक दिन पहले परिवेदना लेते, लेकिन इसमें ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। 

UPTET news

Recent Posts Widget

Photography