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देशभर के विश्वविद्यालयों में शिक्षक भर्ती का रास्ता खुला, चुनाव आयोग ने दी सशर्त मंजूरी

देशभर के विश्वविद्यालयों में शिक्षक भर्ती का रास्ता खुल गया है। चुनाव आयोग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की सशर्त मंजूरी दी है। विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान विज्ञापन जारी कर इंटरव्यू या लिखित परीक्षा तो ले सकते हैं, लेकिन चयनित शिक्षकों का रिजल्ट और नियुक्ति पत्र लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद ही जारी होंगे।

आयोग के मंत्रालय को भेजे गए पत्र के मुताबिक, आयोग ने शर्तों के साथ विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दी है। इसके तहत खाली पदों का विज्ञापन जारी किया जा सकता है। किसी भी राज्य के विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान को संबंधित राज्य के चुनाव अधिकारी से अलग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ेगी। विज्ञापन के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थान भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह कर सकेंगे। हालांकि 23 मई तक रिजल्ट या नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जा सकेंगे।

मंत्रालय ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों की मांग पर एक अप्रैल को मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर शिक्षकों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनओसी मांगी थी। दरअसल 7 मार्च को केंद्र ने सेंट्रल एजूकेशन इंस्टीट्यूशन (रिजर्वेशन इन टीचर कैडर) आर्डिनेंस-2019 तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया था। इसी के साथ यूजीसी ने आठ मार्च को विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर शिक्षकों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने का भी आदेश जारी कर दिया। हालांकि प्रक्रिया शुरू करते ही दस मार्च को लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू हो गई।

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