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तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 के चयनित शिक्षकों नियुक्ति का करना पड़ेगा इंतज़ार

राजस्थान प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 के चयनित शिक्षकों ने लंबी जद्दोजहद के बीच सोमवार को जिला परिषद में आयोजित परामर्श कैंप में अपनी पसंद की स्कूलों का चयन कर लिया। हालांकि लोकसभा चुनावों की आचार संहिता के चलते चयनित शिक्षकों को पदस्थापन के लिए काफी
इंतजार करना पड़ेगा। बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक महेशचंद्र रिजवानी की ओर से अध्यापक द्वितीय लेवल के विभिन्न विषयों में चयनित, रिशफल एवं प्रतीक्षा सूची से चयनित एंव अन्य जिलों से कार्यमुक्त होकर आए करीब डेढ़ सौ से अधिक अभ्यर्थियों को सुबह 10 बजे काउंसलिंग में स्कूल चुनने के लिए जिला परिषद के सभागार में बुलाया गया था। लेकिन गत दिवस लोकसभा चुनावों की प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने एंव रिक्तियां समय पर प्रदर्शित नहीं होने के चलते विभाग काउंसलिंग नहीं कर रहा था और कई बार काउंसिल स्थगित करने की नौबत आ गई। जिसके चलते सैकड़ों की तादात में चयनित शिक्षकों एवं उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अभ्यर्थियों द्वारा लगातार प्रशासन से गुहार के बाद आखिरकार शाम को काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हुई ओर चयनित अभ्यर्थियों ने पसंद के विद्यालय चयन कर लिए। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा महेश रजवानी ने बताया कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती में कुल 152 अभ्यर्थियों को स्कूल आवंटित किए गए इनमें अंग्रेजी में 76, गणित विज्ञान में 2, सामाजिक विज्ञान 25, हिंदी 47 व तृतीय भाषा संस्कृत में 2 अभ्यर्थी परामर्श कैंप शामिल हुए।

धौलपुर. काउंसलिंग के इंतजार में जिला परिषद में मौजूद अन्य जिलों व धौलपुर के अभ्यर्थी।

नियुक्ति का करना पड़ेगा इंतज़ार

तृतीय श्रेणी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती से चयनित शिक्षकों की ओर से काउंसलिंग में स्कूलों का भले ही आवंटन हो गया है, लेकिन इन शिक्षकों के नियुक्ति पदस्थापन के लिए आचार संहिता हटने का इंतजार करना पड़ सकता है। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर की ओर से जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक को जारी आदेश में लिखा है कि कि राज्य में आदर्श आचार संहिता होने के चलते चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटित कर दिए जाएं, लेकिन निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए जाएं। सुबह सात बजे से अभ्यर्थियों की भीड़ लगना शुरू हो गई। एक बार तो काउसंलिंग स्थगित करने की नौबत आ गई तो अभ्यर्थी परेशान हो गए। लेकिन सीईओ व डीईओ कलेक्टर से मिले अौर मीटिंग के बाद वापस आए और सबसे पहले अंग्रेजी विषय की काउंसलिंग शुरू हुई। 

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