वर्ष 2016 में शिक्षक भर्ती के दौरान एक अभ्यर्थी के माइनस 23 अंक होने के बावजूद उसे गणित विषय का शिक्षक नियुक्त
कर दिया गया. इस मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर शनिवार को जोधपुर
हाईकोर्ट में सीजे जस्टिस प्रदीप नंद्राजोग की खंडपीठ में सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा
है कि आखिर भर्ती प्रक्रिया में न्यूनतम योग्यता निर्धारित क्यों नहीं की
गई. सरकार को आगामी 6 सप्ताह में खंडपीठ के समक्ष जवाब पेश करना है. मनीषा
शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका की पैरवी करते हुए अधिवक्ता निधि शर्मा
ने बताया कि प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था लगातार गिर रही है. ऐसे में माइनस
23 अंक प्राप्त करने वाला प्रत्याशी कैसे विद्यार्थियों को गणित जैसा जटिल
विषय पढाएगा.
खंडपीठ ने कहा न्यूनतम योग्यता क्यों नहीं निर्धारित की गई
खंडपीठ ने अधिवक्ता निधि शर्मा की दलीलों को स्वीकार करते हुए सरकार से 6
सप्ताह के भीतर जवाब-तलब किया है कि आखिर भर्ती प्रक्रिया के दौरान न्यूनतम
योग्यता क्यों नहीं निर्धारित की गई.