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वसुंधरा सरकार का फरमान: ना आयें शिक्षक दिवस समारोह में काले कपड़े पहन कर

जयपुर. राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस समारोह में काले कपड़े नहीं पहन कर आने का फरमान जारी किया है. यह सम्मेलन पांच सितंबर को जयपुर में होना है और इसमें शामिल होने वाले शिक्षक न तो काले कपड़े पहन सकेंगे न ही काले जूते या काले मोजे.
इस बीच दो जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से जारी उस विवादित आदेश को वापस ले लिया गया है जिसमें कहा गया था कि जो शिक्षक राज्यस्तरीय शिक्षक दिवस समारोह में शामिल नहीं होगा उसका एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा. भरतपुर और हनुमानगढ़ जिले के जिला शिक्षा अधिकारियों ने ऐसे आदेश निकाले थे लेकिन शिक्षक समुदाय और विपक्षी पार्टियों की आलोचना के बाद इन्हें वापस ले लिया गया.
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक नथमल डीडेल ने बताया कि भरतपुर और हनुमानगढ़ जिले के जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा आदेश निकाले गए थे जिन्हें वापस ले लिया गया है. उन्होंने बताया कि निदेशालय ने इस तरह का कोई आदेश निकालने के निर्देश नहीं दिए थे और मनमर्जी से आदेश निकालने वाले जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. डीडेल ने कहा कि शिक्षक दिवस समारोह में शामिल होने के लिए एक नया आदेश निकाला गया है जिसमें वेतन कटौती क्लॉज को हटाने के साथ-साथ यह प्रावधान किया गया है कि कोई अयोग्यता, बीमारी और अन्य आपातकालीन कारण होने पर सम्बद्ध अधिकारियों से छुट्टी ली जा सकती है. उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस समारोह में भाग लेने के लिए विशिष्ट कपड़ों के लिए संशोधित आदेश निकाल दिए गए हैं.
समारोह में शामिल नहीं होने पर कटती थी 1 दिन की सैलरी
विवादित आदेश के अनुसार 13 दिसम्बर 2013 के बाद नियुक्त सभी सरकारी शिक्षकों को पांच सितम्बर को जयपुर में आयोजित राज्यस्तरीय शिक्षक दिवस समारोह में शामिल होना अनिवार्य था और नहीं आने पर एक दिन का वेतन कटौती के नुकसान के बारे में बताया गया था. इस दिन,13 दिसम्बर 2013 को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शपथ ली थी. भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद नियुक्त सभी अध्यापकों को इस कार्यक्रम में भाग लेने की सुनिश्चित तय करने के लिए यह कट ऑफ तिथि तय की गई है. आदेश में शिक्षकों को काली बेल्ट, जूते, टी शर्ट, मौजे पहनने पर कार्यक्रम में शिरकत नहीं करनी है, इसका विशेष ध्यान रखा जाए. 
विपक्ष ने नए फरमान को लेकर सरकार पर साधा निशाना

विपक्ष ने इस का विरोध करते हुए कहा कि शिक्षक दिवस समारोह में शिक्षकों की अनिवार्यता करने का कोई तर्क नहीं है यह केवल रैलियों में भीड़ को इकट्ठा करने की कोशिश मात्र है. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि यह भाजपा सरकार का भीड़ इकट्ठी करने का एक जर्बदस्ती का प्रयास है. सरकार भाजपा और कांग्रेस के कार्यकाल में नियुक्त शिक्षकों के बीच भेदभाव कैसे कर सकती है. ऑल राजस्थान टीचर्स यूनियन के अध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल ने कहा कि शिक्षकों के वेतन से कटौती और शिक्षकों को काले कपड़े पहनने से मना करना ‘अघोषित आपातकाल’ है. भाजपा कार्यकाल के दौरान प्रदेश में लगभग 63 हजार शिक्षकों की नई नियुक्तियां हुई हैं और पांच सितम्बर को जयपुर में आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय समारोह में लगभग 50 हजार शिक्षकों के भाग लेने की उम्मीद है. बेरोजगार शिक्षक संगठन के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि समारोह में भाग लेने के लिए सरकार शिक्षकों को 8.51 करोड़ रुपए के भत्ते देगी. सरकार ने यदि चार साल में इस धन का ‘सदुपयोग’ किया होता तो कई शिक्षकों की नियुक्ति मिल सकती थी.

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