जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग व न्यायाधीश
दिनेश मेहता की खंडपीठ ने प्रबोधकों को शिक्षा विभाग द्वारा तृतीय श्रेणी
शिक्षकों के समकक्ष मानने हुए स्थानांतरण करने की प्रकिया पर अंतरिम रोक
लगा दी है।
प्रारंभिक शिक्षा के सचिव व निदेशक, जिला परिषद हनुमानगढ़ के
सीईओ व जिला शिक्षा अधिकारी हनुमानगढ़ को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब
तलब किया है।
अपीलार्थी इंदु मिर्धा एवं अन्य की ओर से अधिवक्ता वर्षा बिस्सा ने
विशेष अपील याचिका दायर कर कोर्ट को बताया, कि सरकार ने विभिन्न आदेशों के
जरिए प्रबोधकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान मानते हुए स्थानांतरित कर
दिया। प्रबोधकों को किसी भी नियमावली के अंतर्गत शिक्षा विभाग द्वारा समान
नहीं माना जा सकता और न ही स्थानांतरण किया जा सकता। गत 6 मार्च 2018, 22
मार्च 2018, 28 मार्च 2018 व 26 जुलाई 2018 को जारी विभाग के आदेशों द्वारा
कानून एवं नियमावली की भारी अनदेखी की गई है, इनका क्रियान्वयन नहीं किया
जाना चाहिए।