विधानसभा चुनाव में 5 महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में राजस्थान की
मुख्यमंत्री गौरव यात्रा निकाल रही है। गौरव यात्रा को लेकर वो बुधवार व
गुरुवार को पाली जिले के दौरे पर रहेगी। इसको लेकर 2012 की शिक्षक भर्ती
में चयनित शिक्षकों को नौकरी करते हुए 6 साल हो गए।
उनका स्थायीकरण नहीं
किया जा रहा था। शिक्षक संघ के बैनर तले स्थायीकरण की मांग को लेकर कई बार
धरना-प्रदर्शन किया गया। सीएम को ज्ञापन भेजे, मगर स्थायीकरण के आदेश करने
में विभागीय अधिकारी आनाकानी कर रहे थे। बुधवार को दो दिवसीय गौरव यात्रा
लेकर पाली पहुंच रही सीएम वसुंधराराजे के कार्यक्रम में शिक्षकों के
प्रदर्शन करने की आंशका को भांपते हुए जिला परिषद हरकत में आया। सीईओ ने
जिला शिक्षा अधिकारी के नाम आदेश कर तत्काल आदेश निकालने के आदेश दिए। शाम
तक डीईओ ने स्थायीकरण के आदेश जारी कर दिए।
गौरतलब है कि 2012 में आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती हुए 6 साल हो
गए हैं थे। लेकिन अभी तक यह भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। इसके
चलते शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है था। तीन बार
संशोधित परिणाम जारी होने के चलते पहले, दूसरे व तीसरे संशोधित परिणाम के
बाद कई शिक्षक कटऑफ से बाहर हो गए थे, लेकिन राज्य सरकार ने इनको सेवा से
बाहर नहीं किया और इनकी सेवाएं निरंतर जारी रखी। गौरतलब है कि तीनों
संशोधित परिणाम के बाद ज्यादातर शिक्षकों का स्थायीकरण कर दिया था, लेकिन
जो कटऑफ से बाहर हो गए और सरकार के आदेशों से सेवा में बने हुए उनका जिला
परिषद व शिक्षा विभाग की ओर से स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है। ऐसे लेवल- 1
व लेवल-2 के 293 शिक्षक हैं, जो अभी भी स्थायी नहीं हुए हैं, जबकि अन्य
जिलों में यह प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। इसी 2012 की शिक्षक भर्ती में
नियुक्त 1907 शिक्षकों का स्थायीकरण कर दिया गया, लेकिन 293 शिक्षकों को
इसे वंचित कर दिया गया।
25 शिक्षक कोर्ट से आदेश लाए तो कर दिया था स्थायीकरण, बाकी का इंतजार
: कटऑफ से बाहर होने पर सेवा में यथावत रखने के आदेश के बाद स्थायीकरण की
मांग को लेकर 25 शिक्षकों ने कोर्ट की शरण ले ली। कोर्ट ने शिक्षा विभाग व
जिला परिषद को इन शिक्षकों के स्थायीकरण करने के आदेश जारी कर दिए। इस पर
शिक्षा विभाग और कोर्ट के आदेशों की पालना में 25 शिक्षकों का तो स्थायीकरण
कर दिया, लेकिन बाकी शिक्षकों को स्थायीकरण से वंचित कर दिया था।