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'17 लाख युवाओं को मिला रोजगार का अवसर', जानें CM राजे के भाषण की बड़ी बातें

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एसएमएस स्टेडियम मैदान में आयोजित हुए राज्य स्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह के मौके पर ध्वजारोहण किया। इस दौरान प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए सरकार की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में किये गए कार्यों का ज़िक्र किया।
रोज़गार के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज सरकारी भर्तियों सहित करीब 17 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो गए हैं। इसके अलावा केन्द्र की मुद्रा योजना के तहत भी राजस्थान के 44 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण दिया गया है।

सीएम राजे के भाषण के HIGHLIGHTS
-देश के इस सबसे बड़े पर्व पर, आप सभी को दिल से शुभकामनाएं। आज का दिन हमारे लिए सम्मान, स्वाभिमान और स्वाधीनता का दिन है
- सीमा पर तैनात सैनिकों की हौसला अफजाई और देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कल हमने पाकिस्तान से सटी राजस्थान की करीब 700 किमी बॉर्डर पर शहादत को सलाम कार्यक्रम आयोजित किया था जो देश के इतिहास में अनूठा था
- मेरा दृढ़ विश्वास है कि सरकार और आम नागरिक दोनों मिलकर ही देश और प्रदेश को आगे ले जा सकते हैं। हम सभी मिलकर कदम बढ़ायेंगे तब ही हमारा देश और प्रदेश विकास के ऊंचे प्रतिमान कायम कर सकेगा
- सर्वस्पर्शी और समावेशी विकास के लिए प्रगतिशील और दूरगामी सोच, नेक इरादे, साफ नीयत, दृढ़ इच्छाशक्ति और स्थायित्व की जरूरत होती है। विकास का एक विजन लेकर सरकार निरंतर आगे बढ़ती है तब ही उसके अच्छे परिणाम सामने आते हैं
- आज मैं यह कह सकती हूं कि हमने इन 50 महीनों में किसान, महिला, आदिवासी, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े, युवा, दिव्यांग, बुजुर्ग जैसे सभी वर्गों के कल्याण के लिए दिल से काम किया है
- हम चाहते हैं कि हमारी गौरवशाली विरासत को कायम रखते हुए राजस्थान एक आधुनिक प्रदेश बनें। देश और दुनिया में हमारा प्रदेश आधुनिक शिक्षा, नई सोच और नई टेक्नोलॉजी के लिए पहचाना जाए—
- हमने शिक्षकों की लगातार भर्ती की और इसका परिणाम यह रहा कि अब शिक्षकों की रिक्तियां 50% से घटकर लगभग 20% रह गई है। आने वाले समय में शीघ्र ही होने वाली शिक्षकों की भर्ती के बाद मात्र 2% रिक्तियां रह जाएंगी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा
- हमारी सरकार ने समग्र सोच के साथ एक नीति बनाकर विद्यालयों का एकीकरण किया, जिसमें शिक्षकों के पद कम नहीं हुए। शिक्षकों की भर्ती भी की।
- शाला दर्पण के नाम से कम्प्यूटराइज्ड मॉनिटरिंग टूल विकसित किया। बिना किसी भेदभाव के आदर्श, उत्कृष्ट व विवेकानन्द विद्यालयों की स्थापना की
- शिक्षा के क्षेत्र में हमारे प्रयास रंग लाए और नेशनल अचीवमेंट सर्वे, 2017 की रिपोर्ट में राजस्थान की रैंकिंग 26वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गई

-सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि निजी विद्यालय छोड़ कर बच्चे सरकारी स्कूल में जाने लगे। सरकारी स्कूलोंं के छात्र मेरिट में आने लगे। राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में हुए नवाचार पूरे मुल्क में सराहे गये
- हमारा अगला कदम है- हमारे बच्चे आधुनिक नागरिक बनें। नवीनतम शिक्षा और तकनीकी ज्ञान के साथ कदमताल करते हुए दुनिया में आगे बढ़े। वे किसी भी स्तर पर प्रतियोगिता में पीछे नहीं रहे
- भविष्य की इस परिकल्पना के साथ हमारा निरन्तर यही प्रयास है कि हमारी बालिकाएं स्टेम यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स की ओर अधिक आकर्षित हों
- हमने सरकारी भर्तियों की आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 40 वर्ष की। आरक्षित वर्ग के लिए आयु सीमा 45 वर्ष की
- रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए हमने कौशल विकास पर विशेष जोर दिया। इसके लिए सरकारी क्षेत्र में हमने देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय जयपुर में खोला
- आज सरकारी भर्तियों सहित करीब 17 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो गए हैं। इसके अलावा केन्द्र की मुद्रा योजना के तहत भी राजस्थान के 44 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण दिया गया है
- वर्तमान में 1 अप्रेल, 1971 के बाद शहीद हुए सैनिकों के आश्रित को सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रावधान है। मैं 15 अगस्त, 1947 से 31 दिसम्बर, 1970 तक शहीद हुए सैनिकों के एक-एक ऐसे आश्रित को इस संबंध में विशेष नियम के तहत सरकारी नौकरी देने की घोषणा करती हूं
- हमने महिला को परिवार की मुखिया बनाते हुए BhamashahYojana शुरू की। इस योजना के माध्यम से सरकारी योजनाओं के 21,000 करोड़ रुपये सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर हो चुके हैं। इससे भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लग गया है
- भामाशाह कार्ड से ही जुड़ी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब परिवारों के लिए जीवन रेखा है। जिन चमचमाते बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों के सामने खड़ा होकर गरीब व्यक्ति कभी सोच भी नहीं सकता था कि यहां मेरा भी इलाज हो सकता है
- अब तक 24 लाख लोगों ने इस योजना में मुफ्त इलाज करवाया है। जिस पर 1600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं
- मुझे यह कहते हुए खुशी है कि प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत हमारा पूरा प्रदेश ODF हो गया है
- वर्तमान सरकार ने करीब 80 लाख शौचालयों का निर्माण कराया है, जो एक रिकॉर्ड है। जबकि आजादी से लेकर दिसम्बर 2013 तक प्रदेश में सिर्फ 25 लाख शौचालय ही बन पाए थे
- जयपुर आज स्वच्छ, सुन्दर, सुरक्षित और हरित शहर बन गया है। जयपुर की फिज़ा बदल गई है। जो जयपुर स्वच्छता के क्षेत्र में 215 वें स्थान पर था वह आज देश में 39वें पायदान पर आ गया है
- जयपुर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए हमने विलुप्त हो चुकी द्रव्यवती नदी को पुनर्जीवित करने का काम हाथ में लिया। आज जयपुर की यह सरिता फिर से पवित्र और सुन्दर दिखाई देने लगी है। इसका करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है
- हमारी सरकार जनता की, जनता के लिए सरकार है। जिसने आमजन में मिले फीड बैक के आधार पर जनता की आशा और अपेक्षा के अनुरूप नीतियां और कार्यक्रम बनाए। सरकार लगातार जनता के बीच में ही रही
- पहले साल में ही सरकार आपके द्वार, फिर उसके बाद आपका जिला आपकी सरकार और न्याय आपके द्वार जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से शासन-प्रशासन आम लोगों के घर तक पहुंचा और उनकी हजारों समस्याओं का समाधान किया
- किसान हमारा अन्नदाता हैं और वह हमारी सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। राजस्थान के इतिहास में यह पहली सरकार है जिसने किसान की पीड़ा को महसूस कर पहली बार सहकारी क्षेत्र के करीब 30 लाख किसानों का 50 हजार रूपए तक का कर्जा माफ किया
- हमारी सरकार ने खेतों को भरपूर बिजली दी है। पिछले साढ़े चार साल में कृषि बिजली दरों में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की
- बच्चियां की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। आज के प्रगतिशील युग में बेटे और बेटी में कोई भेद न हो, बेटी के जन्म पर भी खुशियां मने, इस पवित्र भावना को ध्यान में रखकर हमने राजश्री योजना शुरू की
- राजश्री योजना में बेटी के जन्म से लेकर सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा पास करने तक 50 हजार रूपए तक दिये जा रहे हैं। बेटियों को समर्पित हमारी राजश्री और साइकिल-स्कूटी योजनाओं को देश भर में सराहा गया है
- महिला कर्मचारियों का मातृत्व अवकाश तो हमारी सरकार ने छह माह तक बढ़ाया ही है, बच्चों के लालन-पालन के लिए भी हमारी सरकार ने 2 साल का सवैतनिक अवकाश देने का प्रावधान किया है। राजस्थान देश का ऐसा पहला प्रदेश है
- राज्य कर्मचारी हमारी टीम राजस्थान का अभिन्न हिस्सा और शासन की धुरी हैं। हमारी सरकार हमेशा कर्मचारियों के हितों के प्रति समर्पित रही है। हमारी पिछली सरकार ने छठा वेतन आयोग लागू किया था और अब हमारी सरकार ने ही कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग का लाभ दिया है

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