बूंदी| 20 साल पहले जिन शिक्षकों का चयन हुआ था, उन्हें आज तक नियुक्ति
नहीं दी गई है। इस तरह के प्रदेश में 1200 शिक्षक ज्वॉइनिंग आदेशों का
इंतजार कर रहे हैं। जिला परिषदों के जरिए वर्ष 1998-99 में शिक्षक भर्ती की
गई थी, इन शिक्षकों का चयन भी हो गया था।
भर्ती में 10 परसेंट जिले, 10
परसेंट स्टेट और पांच परसेंट ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होने के बोनस अंक
थे। पर बोनस अंकों को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। हाईकोर्ट
और सुप्रीम कोर्ट ने इसे गलत माना, फिर तत्कालीन राज्य सरकार ने एक जुलाई
2003 को नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिए, पर उन आदेशों की पालना अब तक नहीं
की गई। चयनित शिक्षक संघ शाखा के जिलाध्यक्ष कृपाकृष्ण शर्मा, राजेशकुमार
सालूजा, दीनदयाल वर्मा, राजेंद्रसिंह, पुष्पा शर्मा, राधा शर्मा, अविनाश
गौतम, राजेशकुमार, विनोद सहित अन्य चयनित शिक्षकों का कहना था कि बूंदी के
अलावा राज्य की विभिन्न जिला परिषदों के अधिक वरीयता वाले अभ्यर्थी अभी भी
नियुक्ति से वंचित हैं, जबकि कम वरीयता रखने वाले अभ्यर्थी अभी भी नियुक्ति
का इंतजार ही कर रहे हैं। रविवार को चयनित शिक्षक संघ शाखा की बैठक हुई,
जिसमें सारे हालातों पर चर्चा कर चयनित वंचित शिक्षकों ने संघर्ष का निर्णय
लिया। साथ ही इसकी शुरुआत सोमवार को कलेक्टर के जरिए मुख्यमंत्री के नाम
ज्ञान से की जाएगी।