प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक भर्ती 2018 में प्रदेश के ऐसे 59
अभ्यर्थियों का फर्जीवाड़ा पकड़ा है जिन्होंने इस भर्ती के लिए आवेदन में
राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट/आरटेट)के अंक गलत भरे।
इनमें कुछ
अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनके अध्यापक पात्रता परीक्षा में 0 अंक थे, लेकिन
उन्होंने शिक्षक बनने की चाहत में ऑनलाइन आवेदन में खुद के अंक 100 से
ज्यादा भर दिए। विभाग ने जब प्रत्येक अभ्यर्थी के ऑनलाइन आवेदन में पात्रता
परीक्षा के भरे गए अंक और आरबीएसई में पात्रता परीक्षा के दर्ज अंकों का
आपस में मिलान किया तो यह गड़बड़ी उजागर हुई। गलत और झूठी जानकारी देने के
आरोप में विभाग अब इन अभ्यर्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। निदेशक
श्यामसिंह राजपुरोहित ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को 59 अभ्यर्थियों की
सूची भेजकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि
उदयपुर जिले से इनमें एक भी अभ्यर्थी नहीं है। उपनिदेशक शिवजी गौड़ का कहना
है कि उन्होंने संभाग के सभी डीईओ को निदेशक के आदेश की पालना के निर्देश
दिए हैं।
सबसे ज्यादा करौली से 16, उदयपुर संभाग से 11 झूठी जानकारियां
उदयपुर संभाग के डूंगरपुर से 9 और बांसवाड़ा जिले से 2 अभ्यर्थी
ऐसे हैं जिन्होंने आवेदन में अध्यापक पात्रता परीक्षा की झूठी जानकारी भरी।
सबसे ज्यादा करौली के 16 अभ्यर्थी हैं। दौसा के 9, नागौर के तीन अभ्यर्थी
थे। इसके अलावा जोधपुर, बीकानेर, टोंक, अजमेर, पाली, अलवर, जयपुर, भरतपुर
और भीलवाड़ा जिले से दो से तीन अभ्यर्थी इस गड़बड़ी में शामिल हैं। खास बात
ये है कि इस भर्ती में अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन करके हाल ही
काउंसलिंग के जरिए सरकारी स्कूल आवंटित किए गए हैं और नियुक्त आदेश होना
बाकी है।
इनके 0 अंक थे, आवेदन में 100 से ज्यादा बताए
करौली के उमंग मीणा, नागौर के रामेश्वर लाल और दौसा के मोहरपाल
मीणा ऐसे अभ्यर्थी हैं जिनके आरबीएसई वेबसाइट के अनुसार अध्यापक पात्रता
परीक्षा में 0 अंक थे, लेकिन ऑनलाइन आवेदन में 100 से ज्यादा अंक बताए।