Important Posts

Advertisement

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 में 16 जिलों में फर्जीवाड़े का खुलासा, करौली में सबसे ज्यादा

जयपुर। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से कराई गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल प्रथम में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। 26 हजार पदों के लिए हुई इस तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 में प्रदेश के 16 जिलों के 59 अभ्यर्थियों ने चयन के लिए फर्जीवाड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।


आवेदन करते समय भरे अधिक नंबर
शिक्षक भर्ती में रीट और आरटेट के अंकों के आधार पर मेरिट बनी थी। इन 59 अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय रीट और आरटेट में अधिक अंक भर दिए ताकि मेरिट में नंबर आ जाए। जबकि वास्तविक रूप में इनके कम अंक थे। इस फर्जीवाड़े में करौली पहले जबकि दौसा और डूंगरपुर दूसरे स्थान पर रहा है। यही कारण है कि अब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने एलडीसी भर्ती में ऐसे 13 जिलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का निर्णय लिया है।


आपको बता दें कि तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने से पहले अभ्यर्थियों को रीट परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है। इसमें भी 60 फीसदी या अधिक होने पर ही अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है। रीट के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए अलग से ऑनलाइन आवेदन मांगता है। इस ऑनलाइन प्रक्रिया में अभ्यर्थियों को अपने रीट या आरटेट के अंक दर्शाने होते हैं। उन्हीं अंकों के आधार पर चयन होता है। इन अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन में अधिक अंक भर दिए, जबकि वास्तव में रीट में इनको भरे गए अंकों से कम अंक मिले थे।

पढे़ं:अलवर मॉब लिंचिंग: छुपे कैमरे पर ASI मोहन सिंह ने स्वीकार किया कि हां, उससे गलती हो गई, अब चाहे सजा दो या छोड़ो...

प्राप्तांक से ज्यादा अंक भरने वाले अभ्यर्थियों का चयन हो गया। लेकिन जब दस्तावेज जांच की बारी आई तो उनकी रीट या आरटेट की अंकतालिका में ऑनलाइन आवेदन में दर्शाए गए अंकों से कम अंक पाए गए। इससे साबित हो गया कि उन्होंने चयन के लिए फर्जीवाड़ा किया है। शिक्षा विभाग ने इनको शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर तो कर ही दिया। साथ ही इनको सबक सिखाते हुए एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्णय लिया है। शिक्षक संगठनों ने भी इस फर्जीवाड़े की निंदा करते हुए ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ प्रशासन की ओर से की गई कड़ी कार्रवाई का स्वागत किया।

UPTET news

Recent Posts Widget

Photography