जयपुर। 1998 में चयनित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती
अभ्यर्थियों का मामला अब सचिवालय के गलियारों में गूंज रहा है। मामले को
लेकर आज प्रमुख सचिव नरेश पाल गंगवार की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय
बैठक में माना गया कि प्रक्रिया कुछ हद तक गलत हुई है। बैठक में यह निर्णय
किया गया कि प्रमुख सचिव अपने स्तर पर जांच कराकर इस बारे में सुप्रीम
कोर्ट के फैसले को लागू करने का प्रयास करेंगे।
गौरतलब है कि 1998 में 26 जिला परिषदों में नियुक्ति हुई थी और जिसमें
करीब करीब 1400 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई, लेकिन जिलों की विशेष अंक
की प्रक्रिया को अवैध माना गया था। अभ्यर्थियों का कहना है कि सुप्रीम
कोर्ट ने भी इसे गलत माना था और प्रक्रिया निरस्त करने के लिए कहा था।