करीब 20 साल तक सरकारी नौकरी के लिए संघर्ष करने के बाद आस छोड़ चुके वर्ष
1998 के चयनित शिक्षकों को फिर सरकारी नौकरी की उम्मीद जागी है। ये उम्मीद
राज्य सरकार के सकारात्मक रुख को देखते हुए जागी है, जिसने हाल ही में
जयपुर में मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक आयोजित की।
जिसमें अन्य विषयों
के साथ वर्ष 1998 के चयनित शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में चर्चा की और
संघ के पदाधिकारियों को नियुक्ति का भरोसा दिलाया। ये बात रविवार को नेहरू
पार्क में अखिल राजस्थान चयनित शिक्षक संघ-98 के जिलाध्यक्ष मोहन सिंह ने
चयनित बेरोजगार शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने इस मौके पर
राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई कार्रवाई के संबंध में बेरोजगार शिक्षकों
को जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि 26 जून को जयपुर में कार्मिक (क-5)विभाग के उप शासन
सचिव ने मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज
विभाग के मंत्री राजेंद्र राठौड़ की अध्यक्षता में बुलाई थी। जिसमें समिति
के सदस्य सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री युनूस खान, सहकारिता विभाग के
मंत्री अजय सिंह, सदस्य सचिव कार्मिक विभाग के शासन सचिव के अलावा वित्त
विभाग, शिक्षा विभाग सहित अनेक विभागों के अधिकारी बुलाए गए थे। इस बैठक
में संघ के प्रांतीय संयोजक शंभूदयाल शर्मा अपने अन्य साथियों के साथ मौजूद
रहे। बैठक में अध्यक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सकारात्मक रुख रखते हुए
नियुक्ति का भरोसा दिलाया है। परंतु अभी राज्य सरकार की ओर से कोई नियुक्ति
आदेश जारी नहीं हुआ है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ ही दिन में चयनित
बेरोजगार शिक्षकों को राज्य सरकार नौकरी का तोफा दे सकती है। जरूरत है कि
संगठित होकर राज्य सरकार पर दबाव बनाया जाए, जिसके लिए भरतपुर जिले के
विभिन्न क्षेत्रों से आए बेरोजगार शिक्षकों को संबंधित विधायक व सांसदों से
संपर्क करके प्रयास करने की जिम्मेदारी दी। बैठक में संघ के जिला मंत्री
एल.पी. शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों अलवर शहर के विधायक बनवारीलाल सिंघल ने
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखा था, जिसके जबाव में मुख्यमंत्री ने
भी इस मामले का परीक्षण एवं नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रमुख
शासन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को लिखा। वैर से आए महेश पाठक ने कहा कि
प्रारंभिक शिक्षा विभाग बीकानेर के निदेशक ने विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा
अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा को लिखे पत्र में इसी माह 8 जून को तथ्यात्मक
रिपोर्ट व दस्तावेजों की प्रति मांग ली है। वहीं इससे पूर्व प्रारंभिक
शिक्षा विधि प्रकोष्ठ विभाग के वरिष्ठ संयुक्त विधि परामर्शी ने 7 जून को
प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर के निदेशक व प्रारंभिक शिक्षा नियुक्ति अनुभाग
बीकानेर के सहायक निदेशक को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय के 4 अप्रैल 2014
के निर्णय के संबंध में टिप्पणी मांगते हुए बेरोजगार शिक्षकों के
प्रतिवेदनों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। बैठक में संघ के राजेंद्र
सिंह, निर्भय सिंह, प्रेम सिंह, कल्याण सिंह, भंवर राम प्रताप सिंह आदि ने
अपने विचार रखे।