राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे शिक्षकों के तबादलों के बीच पंचायत समिति प्रधान ने अपने ही स्तर पर दस शिक्षकों के तबादले कर डाले। तबादले भी प्रारंभिक शिक्षा के लेवल प्रथम व लेवल द्वितीय के शिक्षक-शिक्षिकाओं के किए गए।
तबादलों के 11 दिन बाद जब पंचायत समिति द्वारा किए गए तबादलों की खबर लगी तो भास्कर ने पड़ताल की कि ये आदेश फर्जी हैं या सही। वजह यह कि प्रदेश में किसी अन्य पंचायत समिति व जिला परिषद द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं को सौंपे गए प्रारंभिक शिक्षा समेत पांच विभागों के कार्मिकों के तबादले नहीं किए जा रहे हैं। इस बारे में पक्ष जानने के लिए पंचायत समिति प्रधान से संपर्क साधा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि मेरे द्वारा दस शिक्षकों के तबादले किए गए हैं, इनमें से चार शिक्षक-शिक्षिकाओं की सिफारिश तो खुद विधायक की ही है, तबादले भी पंचायत समिति की प्रशासन एवं स्थापना समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के तहत किए गए हैं। बोले, वापस कैंसिल कर देता हूं, शाम होते-होते सभी शिक्षकों के तबादले निरस्त भी कर दिए। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने शिक्षकों का तबादला करने वाले विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए हैं। जिला प्रमुख भी हस्तांतरित विभागों के कार्मिकों के तबादलों के लिए छटपटा रहे हैं, सरकार द्वारा छूट नहीं देने पर प्रदेश के सभी जिला प्रमुख जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलने की व्यूहरचना बना रहे हैं। अजमेर की जिला प्रमुख वंदना नाैगिया ने तो हस्तांतरित विभागों में सरकार द्वारा किए गए तबादलों का रिकार्ड लेकर अफसरों को तलब कर रखा है।
प्रदेश की गत कांग्रेस सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं को मजबूत बनाने की दृष्टि से प्रारंभिक शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व सामाजिक, न्याय एवं अधिकारिता विभाग को उनके अधीन किया था। जिला परिषदों का इन महकमों पर नियंत्रण होने से उन्होंने इन विभागों में कार्यरत कार्मिकों के तबादले भी किए थे, गत वर्ष भी कृषि व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ तबादले किए भी गए लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगी होने के कारण लंबे समय से तबादले ही नहीं हो पाए थे। इस बार मुख्य सचिव ने इन विभागों को लेकर निर्देश जारी किए ही थे लेकिन हाथों-हाथ वापस ले लिए गए। पंचायतीराज संस्थाओं से तबादलों के अधिकार छीनने के बाद भी नाेहर पंचायत समिति के प्रधान अमर सिंह ने प्रशासन एवं स्थापना समिति की बैठक में निर्णय करवाकर ये तबादले कर डाले।
तबादला आदेश...
बीडीओ ने किए इन शिक्षकों के तबादले
राजबाला का दीपलाना से जोगी आसन, इंद्रपाल, सुरेश कुमार, पूजा गोदारा, प्रबोधक सुखमा, नरेश कुमार, राकेश कुमार, देवकी, मोनू व शिक्षक सुरेंद्र कुमार का तबादला फेफाना से बरवाली कर दिया गया।
...और इधर
अजमेर की जिला प्रमुख वंदना नोगिया का कहना है कि सरकार ने पांच विभाग तो पंचायतीराज संस्थाओं को सौंप रखे हैं। गत वर्ष प्रारंभिक शिक्षा को छोड़कर दो विभागों में कार्मिकों के तबादले भी किए थे लेकिन इस वर्ष अभी तक स्थिति साफ नहीं है कि जिला परिषदों को करना क्या है? प्रदेश में सरकार भाजपा की है। जिला परिषद अजमेर में भी भाजपा ही काबिज है, ऐसे में तबादलों को लेकर सरकार से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है।
निरस्ती आदेश...
दस शिक्षकों के तबादले तो किए हैं। इनमें से चार शिक्षकों के तबादले तो स्थानीय विधायक की सिफारिश पर किए गए। तबादले पंचायत समिति नोहर की प्रशासन एवं स्थापना समिति की बैठक में प्रस्ताव संख्या दो पारित कर किए गए हैं। लेकिन अभी अधिकार नहीं है तो वापस कैंसिल कर देता हूं। -अमर सिंह, प्रधान नोहर
तबादले किए जाने की जानकारी मिली है। विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पहले सीएस के एक पत्र की आड़ में शिक्षकों के तबादले किए गए जबकि वह आदेश तो तुरंत ही वापस ले लिया गया था। सभी शिक्षकों के तबादले वापस से कैंसिल कर उन्हें यथास्थान भिजवाने के निर्देश देकर शिक्षा विभाग के अफसरों व जिला परिषद के सीईओ से पालना रिपोर्ट मांग ली गई है। -वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्यमंत्री