जयपुर .
राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती प्रकिया में एक और विवाद सामने
आया है। विवि ने अपने ही ऑडिनेंस के तहत अभ्यर्थियों की भर्ती परीक्षा ली,
स्कोर कार्ड जारी किया लेकिन चार-पांच दिन पहले दिशा-निर्देश जारी कर नियम
बदले और योग्य उम्मीदवारों को भी बाहर कर दिया।
विवि ने पिछले साल कॉमर्स संकाय के बिजनेस एडमिनिस्टे्रशन में असिस्टेंट
प्रोफेसर के आठ पदों पर भर्ती निकाली थी। विवि के ऑडिनेंस 141 के अनुसार
मैनेजमेंट विषय के लिए मास्टर इन बिजनेस मैनेजमेंट (एमबीए) व मास्टर इन
बिजनेस एडमिनिस्टे्रशन को योग्य माना। जबकि कॉमर्स संकाय में कॉमर्स संकाय
के छात्रों को योग्य माना। इसके अनुसार एमबीए, एमआइबी व नेट परीक्षा पास
छात्रों सहित अन्य विवि से कॉमर्स में पीजी कर चुके अभ्यर्थियों ने भी
आवेदन किया। विवि ने सबके आवेदन स्वीकार कर उनकी परीक्षा ली। मार्च में हुई
परीक्षा में कुल 705 अभ्यर्थी बैठे। इनमें से 80 फीसदी एमबीए, एमआइबी,
कॉमर्स व अन्य विषयों के थे। विवि की ओर से जारी स्कोर कॉर्ड में
अभ्यर्थियों ने 65 से 75 फीसदी तक अंक प्राप्त किए। अब विवि ने एमबीए,
एमआइबी, एम-कॉम के छात्रों को बाहर कर दिया। केवल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
में पीजी किए हुए छात्रों को ही योग्य माना है।
ववि का तर्क
इधर विवि प्रशासन का कहना है कि दोनों विषय अलग-अलग हैं। दोनों की
योग्यताएं भी नियमानुसार अलग-अलग निर्धारित की गई हैं। मैनेजमेंट के लिए
मॉस्टर ऑफ बिजनेस एडमिनस्ट्रेशन आवश्यक है। जबकि बिजनेस एडमिनेस्ट्रेशन के
लिए मॉस्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन ही योग्यता है। जिस विषय में
असिस्टेंट प्रोफेसर का पद है, उसी में मॉस्टर डिग्री होनी चाहिए।
पीएचडी में योग्य, असि. प्रोफेसर में बाहर
खास बात यह है कि एमबीए कर चुके छात्र विवि के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
विभाग से पीएचडी कर सकते हैं मगर पीएचडी के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं बन
पा रहे हैं। जबकि विवि के इस विभाग में वर्ष 1969 से 1984 तक एमबीए का
पाठ्यक्रम भी था। कई शिक्षक भी एमबीए के हैं।
80 फीसदी विवि के विद्यार्थी बाहर
देश के 80 फीसदी से अधिक विश्वविद्यालयों में एम-कॉम में अलग से बिजनेस
एडमिस्ट्रेशन का कोर्स ही नहीं है। केवल एम-कॉम कोर्स ही कराया जा रहा है।
इसमें छात्र विषय चुनते हैं। राजस्थान केंद्रीय विवि, जामिया मिलिया
इस्लामिया विवि सहित सैकड़ों विश्वविद्यालयों में केवल एम-कॉम कराया जाता
है। इससे वहां के सभी छात्र एम-कॉम की पूरी भर्ती से ही बाहर हो गए।
महेशकुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर अभ्यर्थी ने कहा कि विवि के बिजनेस
एडमिनिस्ट्रेशन विभाग से पीएचडी कर रहा हूं। इससे पहले आरटीयू से एमबीए कर
चुका हूं। नेट परीक्षा भी पास की है। असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षा
में 68 प्रतिशत माक्र्स आए हैं मगर विवि अब हमें बाहर कर रहा है।