Important Posts

Advertisement

जेएनवीयू शिक्षक भर्ती में निलंबित चारों शिक्षक बहाल

जोधपुर . जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरपी सिंह ने जाते-जाते विश्वविद्यालय के निलंबित चार शिक्षकों सहित एक वरिष्ठ लिपिक को फिर से बहाल कर दिया है। सभी की बहाली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की ओर से दायर मुकदमे के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी।
विश्वविद्यालय ने सोमवार को बिजनेस, फाइनेंस एंड इकोनॉमिक्स विभाग के प्रो. डूंगरसिंह खींची, विज्ञान संकाय के ऋषभ गहलोत, संगीत विभाग के सुरेंद्र पूनिया की सेवाएं बहाल कर दी। कुछ दिन पहले वरिष्ठ लिपिक केशवन एम्ब्रारन और अंग्रेजी विभाग के विवेक कुमार को भी बहाल कर दिया गया था। विवि में वर्ष 2012-13 में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के 154 पदों पर हुई भर्ती में घोटाले की एसीबी जांच कर रही है। एसीबी ने इस मामले में जनवरी 2017 में तत्कालीन सिंडीकेट सदस्य खींची, एम्ब्रारन, विवेक, गहलोत व पूनिया सहित तत्कालीन कुलपति भंवरसिंह राजपुरोहित, पूर्व विधायक जुगल काबरा, रोस्टर कमेटी सदस्य प्रो. श्यामसुंदर शर्मा, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय उदयपुर के प्रो. दरियावसिंह चूण्डावत, काजरी के पूर्व निदेशक एमएम रॉय व पीएस चूण्डावत को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने कोर्ट में जनवरी 2017 में साढ़े सात हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। चालान में 70 शिक्षकों को आरोपी बनाया गया था। वैसे पूनिया ने विवि सेवा से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। मामले में एसीबी जांच चल रही है। एसीबी 125 से अधिक शिक्षकों के विरुद्ध जल्द ही चालान पेश कर सकती है। एसीबी 125 से अधिक शिक्षकों के विरुद्ध जल्द ही चालान पेश कर सकती है।

केशवन को वापस वहीं लगाया

विवि प्रशासन ने केशवन को बहाल कर फिर से संस्थापना शाखा (शैक्षणिक) में वरिष्ठ लिपिक लगाया है। यहीं पर गड़बड़ी के आरोप में एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। विवि ने मार्च में हुई सिंडीकेट बैठक में अकेले केशवन की बहाली का एजेंडा रखा था7 इसका सिंडीकेट सदस्यों के विरोध करने पर विवि ने हाथ पीछे खींच लिए थे। अब उन्हें चुपचाप बहाल कर दिया गया।

UPTET news

Recent Posts Widget

Photography