जोधपुर .
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्ष 2012-13 में हुए शिक्षक भर्ती
घोटाले में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गठित जांच समिति की रिपोर्ट राज्य
सरकार ने अपनी अनुशंषा के साथ राजभवन भेजी है।
कोटा
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके दशोरा के समन्वय में बनी पांच सदस्यीय
कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में शिक्षक भर्ती में भारी गड़बडिय़ों को
देखते हुए सरकार को इस पर प्रसंज्ञान लेने का सुझाव दिया था। सरकार ने जांच
रिपोर्ट पर स्वयं निर्णय लेने की बजाय यह भार राजभवन के कंधों पर डाल दिया
है। पिछले छह साल से विवि में पदस्थापित 154 शिक्षकों के भाग्य का फैसला
अब कुलाधिपति करेंगे।
कमेटी सरकार ने गठित की, फैसला राजभवन पर छोड़ा
जेएनवीयू
में वर्ष 2012-13 में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर
के 154 पदों पर हुई भर्ती में घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार ने 1
फरवरी 2017 को कमेटी का गठन किया था। कोटा विवि के कुलपति प्रो. दशोरा के
अलावा कमेटी में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. धीरेंद्र देवर्षि, राजस्थान
विवि के कुलसचिव देवेंद्र कुमार शर्मा, राजस्थान विवि के विधि विभाग के सह
आचार्य डॉ. एसपीएस शेखावत और राजस्थान तकनीकी विवि कोटा के वित्त नियंत्रक
डॉ. आरएल परसोया शामिल थे। कमेटी ने एक साल में जांच पूरी की। उसने शिक्षक
भर्ती को दोषपूर्ण माना है। जानकारों का कहना है कि उच्चस्तरीय जांच कमेटी
का गठन राज्य सरकार ने किया था। ऐसे में अंतिम निर्णय भी सरकार को ही लेना
चाहिए था। अब तक 11 गिरफ्तार विवि की शिक्षक भर्ती जांच के दौरान एसीबी ने
जेएनवीयू के तत्कालीन कुलपति भंवरसिंह राजपुरोहित, पूर्व विधायक जुगल
काबरा, सिण्डीकेट सदस्य डूंगरसिंह खीची, विवि लिपिक केशवन एम्ब्रारन,
रोस्टर कमेटी सदस्य प्रो. श्यामसुंदर शर्मा, उदयपुर
स्थित मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि के प्रो. दरियावसिंह चूण्डावत, काजरी के
पूर्व निदेशक एमएम रॉय, पीएस चूण्डावत के अलावा चयनित शिक्षकों ऋषभ गहलोत,
सुरेंद्र कुमार, विवेक को गिरफ्तार किया था। विवि ने अप्रेल में ही पांचों
कार्मिकों को बहाल किया है।
34 शिक्षकों की बर्खास्तगी को आज एक साल पूरा
विवि ने इस मामले में अब तक 36 शिक्षकों को बर्खास्त किया है। कोर्ट के
आदेश से आफरीन अंजुम और फिरदौस अंसारी की सेवाएं समाप्त की गई। इसके बाद 11
मई 2017 को सिण्डीकेट बैठक में 34 अन्य शिक्षकों को बर्खास्त किया गया।
इसमें राखी व्यास, ऋचा बोहरा, वीनू जॉर्ज, विभा भूत, हितेंद्र गोयल, विवेक,
ललित सिंह झाला, प्रतिभा सांखला, महेंद्र पुरोहित, उम्मेदराज तातेड़, आशा
राठी, आशीष माथुर, रमेश चौहान, मनीष वढेरा, रचना दिनेश, कामना शर्मा, संगीत
परिहार, ओमप्रकाश, सीमा परवीन, अमिता धारीवाल, वीरेंद्र परिहार, शिवकुमार
बरवड़, लेखु गहलोत, हेमसिंह गहलोत, पूनम पूनियां, कामिनी ओझा, नगेंद्र सिंह
भाटी, शरद शेखावत, राजेंद्र सिंह खीची, ऋषभ गहलोत, जया भण्डारी, रजनीकांत त्रिवेदी, हेमलता जोशी और सुरेंद्र शामिल है। ये सभी शिक्षक हाईकोर्ट के स्टे से वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं।
राजभवन भेज दी रिपोर्ट
हमने दशोरा कमेटी की रिपोर्ट राजभवन भेज दी है। अब राजभवन ही उस पर निर्णय करेगा।
राजेंद्र जोशी, संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा विभाग जयपुर