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विज्ञान और गणित विषय की अलग मेरिट बनाकर नियुक्ति दें

लीगल रिपोर्टर. जयपुर | हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2017 (लेवल दो) में गणित-विज्ञान विषय के 927 तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में विज्ञान व गणित विषय के पदों की अलग-अलग मेरिट लिस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने गणित व विज्ञान विषयों के पदों पर अलग-अलग नियुक्ति देने के लिए कहा है।
न्यायाधीश वीएस सिराधना ने यह आदेश सतीश कुमार की याचिका पर बुधवार को दिया।

अदालत ने गणित व विज्ञान विषयों की सामान्य मेरिट लिस्ट बनाने को गलत माना है। पिछली सुनवाई 6 मार्च को अदालत ने इन पदों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। प्रार्थी ने याचिका में कहा था कि हाईकोर्ट की खंडपीठ के 27 अप्रैल 2017 के आदेश के पालन में राज्य सरकार ने 29 अगस्त 2017 को पंचायती राज नियम 1996 में संशोधन करते हुए संबंधित विषय में नियुक्ति के लिए स्नातक व रीट में विषय की अनिवार्यता लागू की थी। बाद में 11 सितंबर 2017 को एक विज्ञप्ति जारी की जिसमें गणित विषय के शिक्षक के लिए स्नातक में गणित विषय होने और विज्ञान के शिक्षक के लिए स्नातक में फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बॉयलोजी, जूलॉजी, बॉटनी, बायो कैमिस्ट्री व बायो-टैक्नोलॉजी का विषय रखा, लेकिन राज्य सरकार ने विज्ञान व गणित विषय के शिक्षकों के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताएं तय करने के बाद भी विज्ञान गणित के पदों को एक समान मानते हुए 927 पदों की भर्ती निकाल दी। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जब दोनों विषयों के शिक्षकों की योग्यताएं अलग हैं तो सामान्य रूप से एक पद पर दोनों का चयन नहीं हो सकता। भर्ती में गणित व विज्ञान के पदों पर ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया जिनके पास 12वीं, स्नातक व बीएड में गणित विषय नहीं था। जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि अभ्यर्थियों के पास रीट में गणित विषय था, इसलिए उनका चयन किया है। लेकिन अदालत ने प्रार्थी की दलीलों से सहमत होकर भर्ती में गणित व विज्ञान विषयों की अलग-अलग मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश दिया।

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