जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में गुरूवार को सिंडीकेट की बैठक हुई। इस
बैठक में एकेडमिक कौंसिल की मिनिट्स का अनुमोदन किया गया। जिसके बाद अब
आगामी सत्र में सभी कोर्स की फीस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
इसके साथ
ही बैठक में हालही में हुए एडिशनल रजिस्ट्रार के साक्षात्कार के बाद
अभ्यर्थियों का लिफाफा भी बैठक में खोला गया, जिसमें किसी भी अभ्यर्थी को
पद के लिए उपयुक्त नहीं माना गया। एक पद के लिए होने वाली इस भर्ती में 32
अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिए थे, जिनमें से कई विवि. में कार्यरत है।
साथ ही सिंडीकेट ने यह भी निर्णय लिया है कि शिक्षकों को उनकी प्रॉपर्टी और
एनअुल रिपोर्ट हर साल प्रस्तुत करनी होगी। एेसा नहीं करने पर उनकी वेतन
वृद्धि रोकी जाएगी।
उधर, बैठक में पीजी प्रवेश परीक्षा के नियमों में परिवर्तन संबंधी
मुद्दे को खारिज कर दिया गया है। एकेडमिक कौंसिल ने निर्णय लिया था कि
आगामी प्रवेश परीक्षा में एंट्रेस टेस्ट और स्नातक का वेटेज 50:50 होगा, जो
कि पूर्व में 70:30 है।
लॉ कॉलेज में शिक्षकों की जल्द होगी भर्ती
राजस्थान यूनिवर्सिटी
में पिछले कुछ दिनों से चल रहे लॉ ईवनिंग कॉलेज और फाइव ईयर लॉ कॉलेज के
प्रवेश संबंधी असमंजस के मामले में कुलपति प्रोफेसर आर. के. कोठारी ने कहा
कि दोनों कॉलेज किसी भी स्थिति में बंद नहीं होने दिए जाएंगे। जल्द ही
दोनों कॉलेजों के लिए 42 पदों पर शिक्षकों की भर्ती होगी, इसके लिए सरकार
से स्वीकृति ली जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विवि. प्रशासन
गंभीर है और उन्होंने नौ बार इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा है। कोठारी
ने कहा कि इन दोनों कॉलेज में भी आगामी सत्र में प्रवेश होंगे।
एनएसयूआई और संविदाकर्मियों ने किया प्रदर्शन
सिंडीकेट के दौरान
एनएसयूआई संगठन ने फीस वृद्धि को लेकर विवि. प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन
किया। छात्रों ने कहा फीस वृद्धि से आम छात्र प्रभावित होता है। उन्होंने
प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही फीस वृद्धि का आदेश वापस नहीं
लिया गया तो एनएसयूआई संगठन की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं,
संविदाकर्मियों की ओर से वेतन संबंधी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया गया।
उनका कहना था कि अभी तक वे 6-7 हजार रुपए के वेतन में काम कर रहे है, जिसे बढ़ाया जाना चाहिए।