जयपुर। राजस्थान में अगले शिक्षा सत्र में प्रदेशभर के 5 हजार से अधिक माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर लेब स्थापित किए जाएंगे। इस पर राज्य सरकार की ओर से 153.05 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
कम्प्यूटर लेब स्थापना के लिए सांसद निधि, विधायक निधि, जन सहयोग और अन्य योजनाओं से 25 प्रतिशत राशि प्राप्त होने पर सरकार की ओर से 75 प्रतिशत अंशदान देकर कुल 153.05 करोड़ रुपए लागत से कम्प्यूटर लेब स्थापित किए जाएंगे। शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलाव से राजस्थान देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।
राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित हुए हैं और सरकारी विद्यालयों में निजी विद्यालायों की अपेक्षा अधिक नामांकन व प्रवेश होने लगे हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण सरकारी स्कूलों के प्रति रुझान बढ़ा है। आगामी सत्र से सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लेब बनने से यहां पर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को काफी फायदा मिलेगा और वर्तमान की नई टेक्नोलॉजी के साथ पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। राजस्थान के निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर शिक्षा विभाग अब सख्त हो गया है। और स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। करीब 7 हजार निजी स्कूलों को फीस एक्ट का पालन नहीं करने पर मान्यता समाप्ति का नोटिस भिजवाया है।
जिसमें उन्हें एक मौका देते हुए कहा गया है कि या तो वे 7 दिन में स्कूल स्तर पर फीस कमेटी बनाकर कानून का पालन करें, नहीं तो उनकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। नोटिस के दायरे में राजस्थान बोर्ड और सीबीएसई के स्कूल भी हैं। जयपुर में करीब साढ़े पांच सौ को नोटिस भिजवाया है।