अजमेर|राज्य में तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादले को लेकर परेशान हैं। ऐसे करीब
पांच हजार शिक्षक हैं, जो तबादले के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
शिक्षकों ने शिक्षा निदेशक से लेकर शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी तक
से गुहार लगाई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
सितंबर 2012 में 25 हजार
शिक्षकों की भर्ती हुई थी। लेकिन उत्तरपुस्तिकाओं को जांचने में हुई
गड़बड़ी की वजह से नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट में चला गया। कोर्ट के आदेश
पर मेरिट सूची दोबारा जारी हुई। शिक्षकों की नियुक्ति तो 2012 में कर दी गई
थी, लेकिन पांच हजार शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश राज्य सरकार ने सितंबर
2013 में जारी किए, यानी एक वर्ष देरी से नियुक्ति मिली। अब तबादले के लिए
शिक्षकों से जो आवेदन मांगे गए हैं, उसमें 31 सितंबर 2012 से पूर्व नियुक्त
शिक्षक ही आवेदन के लिए पात्र हैं।
शिक्षकों को दोहरी मार
राज्य में ऐसे करीब पांच हजार शिक्षक हैं, जिन्हें सितंबर 2013
में नियुक्ति का आदेश मिला था। लेकिन यह शिक्षक 2012 भर्ती से ही संबंध
रखते हैं। सरकार अब 2012 वाले शिक्षकों के तबादले कर रही है तो इन पांच
हजार शिक्षकों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे शिक्षक पहले ही एक वर्ष के
विलंब से नियुक्त हुआ आैर अब तबादले की प्रक्रिया में भी उन्हें शामिल नहीं
करके दोहरी मार दी जा रही है।
2010 के बाद नहीं हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले: तृतीय श्रेणी
शिक्षकों के तबादले 2010 के बाद नहीं हुए। आखिरी तबादला सूची अक्टूबर 2010
में आई थी। इसके बाद अब तक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हुए। कई
शिक्षक ऐसे हैं, जो लंबे समय से एक ही स्कूल में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे
शिक्षकों का तबादला प्राथमिकता है, इस वजह से तबादला नीति में 31 सितंबर
2012 से पूर्व नियुक्त शिक्षक ही आवेदन कर सकते हैं ताकि वरिष्ठ शिक्षकों
को पहले मौका मिल सके।