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47 शिक्षक बोले- सूटा अवैधानिक, अध्यक्ष बोले- दो साल से जायज था, सवाल उठाया तो अवैधानिक हुआ

मोहनलाल सुखाड़िया यू्निवर्सिटी के शिक्षकों ने सूटा की वैधता पर सवाल उठाए हैं। कुछ शिक्षकों ने बुधवार को कुलपति को ज्ञापन में कहा कि यूनिवर्सिटी के कुछ शिक्षक अवैधानिक तरीके से सूटा का संचालन कर रहे हैं। शिक्षकों ने सूटा के संचालन को लेकर आपत्ति करते हुए कहा है कि विवि में शिक्षकों ने इस प्रकार का कोई वैधानिक संगठन नहीं बनाया है।
डॉ. नीता त्रिवेदी, डॉ. डॉली मोगरा, डॉ. विनीत सोनी, डॉ. अजीत कुमार भाबोर, डॉ. अाशीष सिसोदिया और डॉ. पीयूष भादविया ने ज्ञापन देकर कहा कि अगर तथाकथित सूटा संगठन के नाम से कोई भी सूचना या ज्ञापन दिए जाएंगे तो उसमें कई शिक्षक उनके साथ नहीं हैं। इन शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने सूची जारी की, जिसमें 47 शिक्षकों ने प्रतिनिधि मंडल की आपत्ति का समर्थन किया। इनमें लॉ कॉलेज डीन प्रो. आनंद पालीवाल, आ‌र्ट्स कॉलेज डीन प्रो. साधना कोठारी, कॉमर्स कॉलेज डीन प्रो. जी.सोरल सहित कई शिक्षक शामिल रहे। दूसरी ओर, सूटा के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वर्ष 2016 में जिन 112 लोगों ने सदस्यता ली थी, उनमें प्रो. साधना कोठारी, प्रो. जी. सोरल और प्रो. अनिल कोठारी सहित कई शिक्षक थे। वहीं दो साल से विवि से जुड़े हर मामलों में सूटा को शामिल किया जाता है और उनका पक्ष लिया जाता है। अब जब विश्वविद्यालय की भर्तियों में गड़बड़ी की बात आई तो हम अवैधानिक हो गए।

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