जयपुर। सरकार ने इस बार चुनावी वर्ष में तृतीय श्रेणी
शिक्षकों को तबादलों की सौगात दी है। इसके लिए शिक्षकों से आवेदन भी मांगे
गए। शिक्षकों को एक बार अपने घर जाने की आस जगी है। शिक्षकों ने भी जमकर
आवेदन किया है। डार्क जोन वाले जिलों के शिक्षक अब अपने घर जाना चाहते हैं।
एक जिले से दूसरे जिले में जाने की चाह रखने वाले करीब 18 हजार शिक्षक
हैं। इसके अलावा जिले में ही स्थानान्तरण के इच्छुक शिक्षक अलग हैं। जयपुर जिले की बात करें तो जिले में ही स्थानान्तरण के लिए 2413 शिक्षकों ने आवेदन किया है।
17 साल बाद खुली राह
प्रतिबंधित जिलों में रह रहे
शिक्षकों को अपने घर जाने की आस जगी है। प्रतिबंधित 10 जिलों से करीब 17
साल बाद तबादलों से बैन हटा है। तो अब हरेक शिक्षक की चाह है कि वह अपने घर
लौटे।
इन्हें मिलेगा लाभ
प्रतिबंधित जिलों में कार्यरत
ऐसे सभी तृतीय श्रेणी अध्यापक जो 31 दिसम्बर 2008 से पूर्व के नियुक्त हैं
उन्हें ही दूसरे जिले में स्थानान्तरण का लाभ मिल सकेगा। इसी तरह गैर
प्रतिबंधित जिलों में कार्यरत ऐसे सभी तृतीय श्रेणी शिक्षक जो 31 दिसम्बर
2012 से पूर्व नियुक्त हैं उन्हें दूसरे जिले में जाने का मौका मिलेगा।
ये जाना चाहते हैं घर
निदेशालय बीकानेर
से मिली जानकारी के अनुसार दूसरे जिले में जाने वाले शिक्षक करीब 17 हजार
700 हैं। इनमें 11 हजार 500 तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने तो निदेशालय बीकानेर
जाकर स्थानान्तरण का आवेदन पत्र जमा कराया है। इसी तरह 5700 शिक्षकों ने
मेल पर और 500 शिक्षकों ने डाक से आवेदन भेजा है। वर्षों बाद खुले तृतीय
श्रेणी अध्यापकों के स्थानान्तरण का लाभ सभी शिक्षक लेना चाहते हैं। कई तो
ऐसे हैं, जिन्हें सभी साधनों से आवेदन किया है। उन्होंने मेल, डाक और
व्यक्तिगत रूप से भी जाकर आवेदन जमा कराया है। उनका कहना है कि उन्हें डर
है कि कहीं वे ये मौका चूक न जाएं। चुनावी साल होने की वजह से अभी तो
उन्हें मौका मिल गया, कहीं बाद में मिले या नहीं।