सरकारी स्कूलों में इस बार नामांकन बढ़ाने के लिए शिक्षकों को भी
जिम्मेदारी दी गई है। अब हर शिक्षक को 10 से 15 बच्चों का प्रवेश कराना
होगा। सरकार ने पूरे जिले में पिछले साल से 35 प्रतिशत अधिक नामांकन का
लक्ष्य दिया है।
प्रत्येक स्कूल में कम से कम दस प्रतिशत नामांकन
बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिले में कई जगह बच्चे बहुत कम हैं। एेसे
में वहां के स्कूल में नामांकन बढ़ाने व लक्ष्य प्राप्त करने में शिक्षकों
को काफी परेशानी आएगी।
नए सत्र में प्रवेश के लिए सरकारी स्कूलों ने अभी से अपने पेम्फलेट बना
लिए हैं। इन पेम्फलेट्स को शिक्षक भामाशाह के सहयोग से गांवों में
बांटेंगे। वे पेम्फलेट में स्कूल की उपलब्धियां व संसाधन आदि का ब्योरा है।
शिक्षक इन पेम्फलेट्स के जरिए बच्चों व अभिभावकों को स्कूली शिक्षा,
कक्षा, छात्रवृत्ति, प्रतियोगिताएं आदि उपलब्धियों के बारे में बताएंगे।
निजी स्कूलों की तर्ज पर इस बार सरकार 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर
प्रवेश देगी। सरकार हर तरीके से स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के प्रयास कर
रही है, लेकिन अधिकतर सरकारी स्कूलों में कमरे छोटे होने और संसाधन व
सुविधा नहीं होने से प्रवेश में मुश्किल होगी।
ग्राम सभाओं में करें चर्चा
माशि निदेशक की ओर से
जारी आदेश में 16 से 30 अप्रेल तक पंचायती राज विभाग की ओर से प्रधानमंत्री
आवास योजना के लिए होने वाली विशेष ग्राम सभाओं में संबंधित पीईईओ व
संस्था प्रधानों को स्कूलों में शत प्रतिशत नामांकन लक्ष्य अर्जित करने में
स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मौजिज व्यक्तियों आदि से चर्चा करने और सहयोग
लेने के निर्देश दिए हैं।
दो चरणों में प्रवेशोत्सव
नामांकन बढ़ाने के लिए
सरकारी स्कूलों में दो चरणों में प्रवेशोत्सव होगा। पहला चरण 26 अप्रेल से 9
मई तक और दूसरा चरण 19 जून से 30 जून तक होगा। बच्चों के ठहराव के लिए
कक्षा पांच, आठ व दसवीं की परीक्षा देने
वाले विद्यार्थियों को उसी
विद्यालय की अगली कक्षा में अस्थाई प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही नामांकन
वृद्धि के लिए अन्य शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे विद्यार्थियों को भी
प्रवेश दिया जाएगा।