अजमेर। दूसरे महकमों में भर्तियां करने वाले राजस्थान लोक सेवा आयोग की अपनी
स्थिति खराब है। 58 नए पदों को लेकर कोई फैसला नहीं होने पर नाराज
कर्मचारियों ने मंगलवार को मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। कर्मचारी 16
मार्च तक रोज प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद चरणबद्ध आंदोलन चलाएंगे।
राजस्थान लोक सेवा आयोग मंत्रालयिक कर्मचारी संघ अध्यक्ष दयाकर शर्मा की
अगुवाई में कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
शर्मा ने कहा कि 58 नए पदों को लेकर आयोग प्रशासन और सरकार को कई बार पत्र
भेजे गए। उच्चाधिकारियों से मुलाकात की गई। पिछले आयोग अध्यक्ष और सचिव ने
भी नवीन पद सृजन के लिए आश्वासन दिया था। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
हुई है।
संरक्षक भंवरलाल मेहरडा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश व्यास ने कहा कि 16
मार्च तक कर्मचारी नियमित प्रदर्शन करेंगे। इसके बावजूद नवीन पद सृजित नहीं
हुए तो आयोग का कामकाज ठप कर उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान रुचिका
माथुर, संजय गुप्ता, नमन शर्मा, रक्षपाल सिंह, सचिव जसवंत वर्मा, रिंकू
राठी, अजीत सिंह , विजय सिंह सोलंकी, सुशील भटनागर, पी. पी. अग्रवाल, सहायक कर्मचारी संघ अध्यक्ष ख्यालीराम, वीरेंद्र सिंह और अन्य मौजूद थे।
लगातार बढ़ रहा बोझ
राजस्थान लोक सेवा आयोग में वरिष्ठ उपसचिव, उप सचिव, सहायक सचिव, अनुभाग
अधिकारियों सहित कनिष्ठ-वरिष्ठ लिपिक और अन्य पद सृजित हैं। साल 2001-02
तक आयोग सिर्फ आरएएस एवं अधीनस्थ भर्ती सेवा परीक्षा कराता था। इसके बाद
इसे तृतीय श्रेणी शिक्षक, वरिष्ठ अध्यापक सहित तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा
शिक्षा, कॉलेज शिक्षा, द्वितीय श्रेणी शिक्षक, कृषि, कारागार सेवा और अन्य
विभागों की भर्तियां मिलती चली गई। इसके चलते आयोग पर कामकाज का बोझ बढ़
गया। वहीं तरफ लगातार सेवानिवृत्तियों से खुद आयोग में पद रिक्त होते रहे।
सरकार से मांगे 58 पद
आयोग ने सरकार को पत्र भेजकर
58 पद मांगे हैं। इनमें 8 वरिष्ठ उपसचिव, 2 उप सचिव, 6 सहायक सचिव, 8
अनुभाग अधिकारी, 30 कनिष्ठ लिपिक, 8 वरिष्ठ लिपिक, दो चालक और अन्य पद
शामिल हैं। मुख्य सचिव और कार्मिक विभाग को विभागीय पत्र भेजने के बावजूद
आयोग को नए पद नहीं मिले हैं। इसी साल विधानसभा चुनाव होंगे। अधिकांश
भर्तियां आयोग के जरिए होंगी। सरकार इसी साल भर्तियां कराना चाहती हैं।
आयोग में आंदोलन हुआ तो नई भर्तियों पर संकट मंडरा सकता है।