जयपुर। जयपुर
विकास प्राधिकरण ने गोनेर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की
बेसकीमती जमीन पर पर अपनी नजरें गड़ा ली है। जेडीए ने डाइट की जमीन खसरा
नम्बर 1777 और 1778 पर पहले तो बिना स्वीकृति के पार्किंग बना दी और अब उस
पर सुलभ शौचालय बना रहा है।
जबकि जेडीए के अधिकारियों ने भी माना की जमीन
पर उनका अधिकार या स्वामित्व नहीं है। इसका खुलासा स्थानीय निवासी
राजेन्द्र व्यास के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से
हुआ। जानकारी देते हुए जेडीए के सूचना अधिकारी ने कहा कि जमीन शिक्षा विभाग
की ही है। जेडीए ने कभी भी इस जमीन पर अपना स्वामित्व नहीं बताया। सांसद
और विधायक की अनुशंषा पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की
सुविधा के लिए सुविधाओं का निर्माण करवा रही है। जेडीए के शौचालय के
निर्माण शुरू करने के बाद डाइट के साथ ही ग्रामवासियों ने इसका विरोध शुरू
कर दिया था। लोगों का कहना है कि सुलभ शौचालय बनाने के लिए जेडीए के पास
खूब सरकारी जमीन है। शिक्षा विभाग के पास स्कूल बनाने के लिए जमीन नहीं है।
शौचालय बनाने से गढ़ का सौन्दर्यन खराब हो रहा है। इस लिए जेडीए को चाहिए
कि वह कही ओर से सरकारी जमीन पर इसका निर्माण करवाएं।
यह है मामाला
जयपुर विकास प्राधिकरण धार्मिक नगरी गोनेर को हेरिटेज
विलेज बनाने के लिए विकास कार्य करवा रहा है। इसी कड़ी में जेडीए ने गोनेर
तालाब की तरफ स्थित डाइट की करीब 2200 वर्ग मीटर जमीन पर शिक्षा विभाग से
बिना स्वीकृति लिए पार्किंग स्थल बना दिया और अब इस जगह पर 27 लाख की लागत
से सुलभ शौचालय का निर्माण करवा रहा है। इस पर गोनेर डाइट की प्राचार्य ने
जेडीए आयुक्त को पत्र लिख कर आपत्ति भी जताई थी, लेकिन जेडीए ने कोई ध्यान
नहीं दिया। जेडीए के अधिकारियों का कहना है कि जेडीसी ने गोनेर विजिट के
समय इस जगह को चिह्नित कर पार्किंग बनाने के लिए निर्देशित किया था।
स्थानीय निवासी राजेन्द्र व्यास का कहना है कि सुलभ शौचालय के लिए जेडीए को
सही स्थान का चयन करना चाहिए था। यहां शोचालय बनाने से गढ़ का सौन्दर्यन
खराब होगा।
हमने पार्किंग विकसित करते समय ही जेडीसी को पत्र लिख कर आपत्ति
दर्ज करवा दी थी। लेकिन जेडीए के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके
बाद बीकानेर शिक्षा निदेशालय में भी अधिकारियों को इस बारे में अवगत करवा दिया था।
पदमा सक्सेना,
प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, गोनेर