जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में साईंस मैथ्स विषय के तृतीय
श्रेणी शिक्षकों के 927 पदों पर नियुक्ति देने पर अंतरिम रोक लगा दी है।
मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। .न्यायाधीश वी.एस.सिराधना ने यह
अंतरिम आदेश प्रार्थी सतीश कुमार की याचिका पर दिए।
अधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि 2016 में विषयवार तृतीय श्रेणी शिक्षक
की भर्ती निकली थीं। खंडपीठ ने नियुक्तियां रद्द कर दी थीं और स्नातक में
विषय विशेष के आधार पर नियुक्तियां देने केा कहा था।
सरकार ने पंचायतीराज नियमों में संशोधन करके गणित के लिए स्नातक में
गणित व विज्ञान के लिए स्नातक में फिजिक्स, केमेस्ट्री, बॉयोलॉजी, बॉयो
टेक्नोलॉजी, बॉयो केमेस्ट्री, जुओलॉजी और बॉटनी विषय होना आवश्यक कर दिया।
इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई। इसके बाद जारी विज्ञापन में भी
गणित और साईंस विषयों के शिक्षकों के लिए अलग-अलग योग्यता मांगी। इसी
विज्ञापन में साइंस मैथ्स विषय के शिक्षक के पदों के लिए भी आवेदन मांगे गए
थे।
प्रार्थी ने विज्ञापन को चुनौती दी और कहा कि अधिसूचना और विज्ञापन में
दोनों विषयों के लिए अलग-अलग योग्यताएं हैं तो एक पद के लिए चयन नहीं हो
सकता। साईंस मैथ्स विषय के लिए अलग विज्ञापन होना चाहिए था।
याचिका के लंबित रहने के दौरान ही सरकार ने 12वीं, स्नातक और बीएड गणित
और साइंस विषय से पास नहीं करने वालों केा गणित और साईंस के शिक्षक के रुप
में चयनित कर लिया।
सरकार ने हाईकोर्ट में पेश जवाब में बताया कि इन लोगों ने रीट परीक्षा
गणित विषय से पास की है। लेकिन कोर्ट ने इसे खंडपीठ के फैसले और सरकार की
खुद की अधिसूचना के विपरीत मानते हुए नियुक्तियां देने पर अंतरिम रोक लगाते
हुए सुनवाई 20 मार्च को तय की है।