राजस्थान लोक सेवा आयोग ने कॉलेज शिक्षा विभाग में व्याख्याता विधि,
जूलॉजी और समाज शास्त्र के पदों की भर्ती के लिए मंगलवार से साक्षात्कार
प्रारंभ होंगे। उप सचिव दीप्ति शर्मा ने बताया कि कॉलेज शिक्षा विभाग में
विधि व्याख्याता पद के लिए 6 मार्च से 5 अप्रेल तक साक्षात्कार लिए जाएंगे।
इसी तरह समाजशास्त्र व्याख्याता पद के लिए 6 से 16 मार्च और जूलॉजी के
साक्षात्कार 6 मार्च से 6 अप्रेल तक लिए जाएंगे। साक्षात्कार के दौरान
अभ्यर्थियों को मूल प्रमाण पत्र, शैक्षिक दस्तावेज और फोटो प्रति साथ लानी
जरूरी होगी। इसके अभाव में उन्हें साक्षात्कार से वंचित किया जाएगा।
सरकार से मांगे 52 पद
आयोग ने सरकार को पत्र भेजकर 52 पद मांगे हैं। इनमें 8 वरिष्ठ उपसचिव, 2
उप सचिव, 6 सहायक सचिव, 8 अनुभाग अधिकारी, 30 कनिष्ठ लिपिक, 8 वरिष्ठ
लिपिक, दो चालक और अन्य पद शामिल हैं। मुख्य सचिव और कार्मिक विभाग को
विभागीय पत्र भेजने के बावजूद आयोग को नए पद नहीं मिले हैं।
सदस्यों के पद रिक्त
सात सदस्यीय आयोग में तीन सदस्यों के पद रिक्त हैं। मौजूदा वक्त अध्यक्ष
डॉ. राधेश्याम गर्ग के अलावा डॉ. आर. डी. सैनी, राजकुमारी गुर्जर, सुरजीत
लाल मीणा और के. आर. बागडिय़ा ही सदस्य हैं। तीन सदस्यों के पद फिलहाल
रिक्त हैं। अध्यक्ष डॉ. गर्ग का कार्यकाल 2 मई 2018 को पूरा हो जाएगा। ऐसे
में आयोग के समक्ष फिर संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा। सरकार ने बीते साल 29
सितम्बर को सेवानिवृत्त हुए पूर्व अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा के बाद किसी
को कार्यभार नहीं सौंपा था। इसके चलते अध्यक्ष दो महीने खाली रहा। जबकि
परम्परानुसार आयोग के वरिष्ठ सदस्य को पदभार सौंपा जाता रहा है।
यूं बढ़ी आयोग की दिक्कतें
राजस्थान लोक सेवा आयोग
में वरिष्ठ उपसचिव, उप सचिव, सहायक सचिव, अनुभाग अधिकारियों सहित
कनिष्ठ-वरिष्ठ लिपिक और अन्य पद सृजित हैं। साल 2001-02 तक आयोग सिर्फ
आरएएस एवं अधीनस्थ भर्ती सेवा परीक्षा कराता था। तत्कालीन भाजपा सरकार ने
इसे तृतीय श्रेणी शिक्षक, वरिष्ठ अध्यापक सहित अन्य भर्तियां सौंप दी। बाद
में इसको तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, कॉलेज शिक्षा, द्वितीय श्रेणी
शिक्षक, जनसंपर्क अधिकारी, सहायक जनसंपर्क अधिकारी, कृषि, कारागार सेवा,
फेक्ट्री एवं बॉयलर विभाग, कृषि अनुसंधान अधिकारी सहित अन्य विभागों की
भर्तियां मिलती चली गई। इसके चलते आयोग पर कामकाज का बोझ बढ़ गया। वहीं
लगातार सेवानिवृत्तियों से खुद आयोग में पद रिक्त होते रहे।