सीबीएसई इस बार 8 जुलाई कोनेट-जेआरएफ परीक्षा कराएगा। परीक्षा की स्कीम
में भी संशोधन किया गया गया है इसके ऑनलाइन फार्म 6 मार्च से भरने शुरू
होंगे। विद्यार्थी 5 अप्रेल तक ऑनलाइन फार्म भर सकेंगे।
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में लेक्चरर बनने और फैलोशिप के लिए
नेट-जेआरएफ परीक्षा कराई जाती है। यूजीसी ने करीब 60 साल तक यह परीक्षा
प्रतिवर्ष साल में दो बार (दिसम्बर और जून में) कराई। बीते दो साल से
सीबीएसई परीक्षा करा रहा है। हाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने
नेट-आरएफ परीक्षा प्रतिवर्ष एक बार कराने का फैसला लिया। बीते वर्ष 5
नवम्बर को यह परीक्षा हुई थी।
8 जुलाई को होगी परीक्षा
सीबीएसई ने नेट-जेआरएफ
परीक्षा की महत्वपूर्ण तिथियां जारी की हैं। यह परीक्षा 8 जुलाई को होगी।
इसके ऑनलाइन फार्म 6 मार्च से भरने प्रारंभ होंगे। फार्म भरने की अंतिम
तिथि 5 अप्रेल होगी। विद्यार्थी 6 अप्रेल तक फीस जमा करा सकेंगे।
पेपर स्कीम में बदलाव
सीबीएसई ने नेट-जेआरएफ की पेपर स्कीम में बदलाव किया है। परीक्षा में अब
दो पेपर होंगे। दोनों के 100-100 अंक होंगे। पहले पेपर में 50 प्रश्न और
दूसरे में 100 करने अनिवार्य होंगे। पहला पेपर सुबह 9.30 से 10.30 और दूसरा
सुबह 11 से 1 बजे तक होगा। अब तक इसमें तीन पेपर होते थे। तीसरे पेपर के
150 अंक होते थे। इनमें से विद्यार्थियों को 75 नम्बर के प्रश्न करने जरूरी
होते थे। अब तृतीय पेपर को हटा दिया गया है।
सीटेट पर नहीं फैसला
बोर्ड ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) पर कोई फैसला नहीं
किया है। यह परीक्षा भी प्रतिवर्ष जुलाई और जनवरी में कराई जाती है। इसे भी
सरकार ने साल में एक बार कराने की योजना बनाई है। फिलहाल सीबीएसई ने सीटेट
के आवेदन और परीक्षा तिथि निर्धारित नहीं की है।
यूं जरूरी है नेट-जेआरएफ
जिन विद्यार्थियों को कॉलेज और यूनिवर्सिटी में शिक्षक बनना है, उन्हें
अब नेट-जेआरएफ देना जरूरी है। पूर्व में पीएचडी डिग्री धारकों को उच्च
शिक्षण संस्थानों में सहायक आचार्य बनाया जाता था। बाद में सरकार ने
नेट-जेआरएफ को शिक्षक भर्ती की पात्रता बना दिया। इसके अलावा कई राज्यों
में सरकारी कॉलेज में लेक्चरर्स की भर्ती के लिए राज्य पात्रता परीक्षा भी
कराई जाती है। राजस्थान में यह परीक्षा पिछले दो साल से नहीं हुई है। यहां
यह परीक्षा राजस्थान लोक सेवा आयोग कराता है।