महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की टैंशन इस माह बढऩे वाली है। 31
मार्च तक प्रशासन को नया परीक्षा नियंत्रक ढूंढना होगा। मौजूदा परीक्षा
नियंत्रक की इसी महीने सेवानिवृत्ति होनी है। ऐसे में यह पद एक बार रिक्त
हो जाएगा। प्रशासन को मीणा के बाद कार्यरत अधिकारियों को ही अतिरिक्त
जिम्मेदारी देनी पड़ेगी। लेकिन पेचीदगियों को देखते हुए यह कार्य आसान नहीं
है।
1 अगस्त 1987 में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
शुरुआती दौर में सीमित स्टाफ होने पर यहां कई अधिकारियों ने परीक्षा
नियंत्रक पद संभाला। वर्ष 1994-95 के बाद बाद पी.एन. चतुर्वेदी और
श्रीगोपाल शर्मा परीक्षा नियंत्रक रहे।
शर्मा के कुलसचिव बनने के बाद प्रशासन ने वर्ष 2002-03 में उप कुलसचिव
डॉ. जगराम मीणा को कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक बनाया। डॉ. मीणा 15 साल तक
यह जिम्मेदारी संभाले रहे। इस दौरान कुछ माह बलवंत सिंह ने भी पदभार
संभाला। बीते वर्ष स्थाई साक्षात्कार के बाद प्रबंध मंडल ने मई में डॉ.
मीणा का स्थाई परीक्षा नियंत्रक पद पर चयन किया।
मीणा के बाद पद फिर अस्थाई
परीक्षा नियंत्रक डॉ.
मीणा 31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगे। उनके जाने के बाद परीक्षा नियंत्रक पद
फिर रिक्त हो जाएगा। प्रशासन को सालाना परीक्षाएं, परिणाम और अन्य
व्यवस्थाओं के लिए कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक नियुक्त करना होगा।
विश्वविद्यालय में दो उप कुलसचिव और पांच सहायक कुलसचिव हैं। इन पर पहले ही
विभिन्न विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी है। परीक्षा नियंत्रक पद पर किसी
अधिकारी को बैठाते ही अन्य अफसरों पर फिर कामकाज बढ़ेगा।
प्रशासन के लिए नहीं आसान....
मीणा की सेवानिवृत्ति के बाद परीक्षा नियंत्रक पद को लेकर प्रशासन की
चिंता बढ़ सकती है। यहां अधिकारियों में वरिष्ठता को लेकर शुरू से खींचतान
जारी है। किसी भी कनिष्ठतम अधिकारी को परीक्षा नियंत्रक बनाते ही
विश्वविद्यालय में विवाद बढ़ सकता है। ऐसा हुआ तो मामला कोर्ट में भी
पहुंचने के आसार हैं।
तो किसी शिक्षक को जिम्मेदारी!
अफसरों में परीक्षा नियंत्रक पद के लिए घमासान मचने की सूरत में प्रशासन
के पास एक विकल्प रहेगा। कुलपति अथवा कुलसचिव चाहें तो किसी शिक्षक को
परीक्षा नियंत्रक पद का दायित्व सौंप सकते हैं। ऐसा प्रयोग कई
विश्वविद्यालयों में हो चुका है। देश के कई विश्वविद्यालयों में मौजूदा
वक्त भी प्रोफेसर स्तर के शिक्षक परीक्षा नियंत्रक पद संभाले हुए हैं।
मालूम हो कि महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने पीटीईटी, बीएसटीसी
सहित पूर्व में आरपीएमटी और अन्य परीक्षाएं कराई हैं। इनके कॉर्डिनेटर
शिक्षक ही रहे हैं।